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पूर्वी सिंहभूम, 14 जून (हि.स.)। पूर्वी सिंहभूम जिला के पटमदा और बोड़ाम प्रखंडों में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। दिघी गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में में कुत्ते के काटने से 20 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। दहशत में जी रहे ग्रामीण अब लाठी-डंडों से पहरा दे रहे हैं और बिना हथियार के घर से निकलना बंद कर दिया है।
पटमदा प्रखंड के दिघी गांव में शुक्रवार की रात एक बार फिर आवारा कुत्ते ने हमला कर तीन लोगों को घायल कर दिया। शाम करीब 8 बजे हुए हमले में 60 वर्षीय सतीश महतो, 25 वर्षीय महिला ममता कर्मकार और एक अन्य व्यक्ति को कुत्ते ने काट लिया। सतीश महतो को गंभीर अवस्था में माचा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां उन्हें टिटनेस और एंटी रेबीज के टीके दिए गए। ममता कर्मकार और अन्य घायल ने पारंपरिक वैद्य की जड़ी-बूटी से उपचार कराया।
ग्रामीणों के अनुसार, यह आवारा कुत्ता पिछले 20 दिनों से इलाके में घूम रहा है और अब तक पटमदा एवं बोड़ाम क्षेत्र में कुल 20 से अधिक लोगों को घायल कर चुका है। करीब 15 दिन पहले गांव के शिक्षक रंजीत महतो को भी यह कुत्ता काट चुका है।
वहीं, गुरुवार की रात ग्राम प्रधान अभिराम महतो की भतीजी की शादी में झाड़ग्राम से आए चार बारातियों को भी तालाब के पास इस कुत्ते ने काट लिया। सभी घायलों का इलाज पश्चिम बंगाल में कराया गया।
शुक्रवार को घायल हुए सतीश महतो को उस वक्त काटा गया जब वे एक दुर्घटनाग्रस्त बाइक सवार की मदद के लिए दौड़े थे। तभी पीछे से अचानक आए कुत्ते ने उनके पैर और फिर हाथ में काट लिया।
लगातार हो रहे हमलों से घबराए ग्रामीण अब लाठी-डंडे लेकर पहरा देने को मजबूर हैं। हेमंत महतो, रतन महतो और मधु सहिस ने बताया कि अब कोई भी ग्रामीण बिना लाठी या डंडा लिए घर से बाहर नहीं निकल रहा। कुत्ते की तलाश में लोग सामूहिक रूप से जुटे हैं।
इससे पहले 6 जून को पटमदा के लावा गांव में एक ढाई साल के बच्चे को कुत्ते ने काटकर बुरी तरह जख्मी कर दिया था, जो अभी भी इलाजरत है। वहीं 22 मई को भी लावा गांव में दो महिलाएं और एक बुजुर्ग को कुत्ते ने घायल किया था।
ग्रामीणों ने प्रशासन से इस पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि क्षेत्र में डर और खतरे का माहौल खत्म हो सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक