मनसा देवी रोपवे टेंडर में पारदर्शिता पर सवाल, नेता प्रतिपक्ष ने की जांच की मांग
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य।


देहरादून, 14 जून (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने हरिद्वार मनसा देवी रोपवे टेंडर में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए राज्य सरकार से स्पष्टीकरण और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिना प्रासंगिक अनुभव वाली कंपनियों को टेंडर में शामिल कर यात्री सुरक्षा, प्रशासनिक जवाबदेही और प्रक्रियागत पारदर्शिता को गंभीर रूप से खतरे में डाला गया है।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने एक जारी बयान में कहा कि हरिद्वार निगम ने मनसा देवी रोपवे के संचालन और रखरखाव के लिए एक टेंडर जारी किया था, जिसमें रोपवे के अनुभव वाली कंपनियों को ही शामिल किया गया था, लेकिन बाद में इस टेंडर में बदलाव किया गया। रोपवे संचालित करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है। हरिद्वार निगम ने मार्च में, पात्रता मानदंड को चुपचाप बढ़ा दिया और रोपवे के अनुभव वाली कंपनियों के साथ-साथ रोपवे ऑपरेशन के लिए हॉस्पिटल चलाने वाली, पुल और हाईवे बनाने वाली, यहां तक कि टेलीकॉम सेक्टर की कंपनियों काे भी शामिल कर लिया।

उन्होंने कहा कि रोपवे के संचालन के लिए कंपनियों की अनुभवहीनता के कारण सुरक्षा पर सवाल उठने लगे और ये बदलाव नगर आयुक्त नंदन कुमार ने नगर निगम बोर्ड की मंजूरी के बिना किए थे, जिससे प्रक्रियागत खामियों और पारदर्शिता पर सवाल उठे। इसमें जरा सी चूक हाे जा जाए तो लोगों की जान का खतरा हो जाता है। उन्होंने कहा कि इस टेंडर के बदलाव के खिलाफ उच्च न्यायालय में मामला दायर किया गया। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार को फटकार लगाई है।

उन्होंने कहा कि प्रश्न ये है कि आखिर 44 साल से रोपवे का संचालन कर रही कंपनी को बाहर करने के लिए सड़क बनाने वाली कंपनियों को टेंडर में क्यो सम्मिलित किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार को इस विषय की विस्तृत और निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार