सिरसा: योग मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करने की कला: कुलपति
सीडीएलयू में योगाभ्यास करते कुलपति प्रो. विजय कुमार व अन्य।


सिरसा, 14 जून (हि.स.)। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के बहुउद्देशीय हॉल में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विजय कुमार ने योग के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रो. विजय कुमार कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करने की एक प्राचीन भारतीय परंपरा है। उन्होंने विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों से दैनिक जीवन में योग को अपनाने का आह्वान किया ताकि वे स्वस्थ और तनावमुक्त जीवन जी सकें। उन्होंने कहा कि योग जीवन जीने की एक कला है, जो मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करता है।

उन्होंने कहा कि युवाओं को योग और ध्यान को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए, जिससे वे मानसिक रूप से स्वस्थ रहकर अपने लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकें। कुलसचिव प्रो. अशोक कुमार ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए योग को जीवन का अभिन्न अंग बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नियमित योग अभ्यास से न केवल शारीरिक बीमारियां दूर होती हैं, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक संतुष्टि भी प्राप्त होती है। वहीं, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर राजकुमार ने अपने संबोधन में युवाओं के जीवन में योग की प्रासंगिकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज के तनावपूर्ण माहौल में योग युवाओं को सही दिशा दिखाने और उन्हें सकारात्मक ऊर्जा से भरने में सहायक है।

आयुष विभाग, हरियाणा योग आयोग और हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट के प्रशिक्षित योग विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न योगासनों, प्राणायामों और ध्यान तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट द्वारा प्रस्तुत ध्यान सत्र विशेष रूप से प्रतिभागियों के लिए शांत और गहन अनुभव लेकर आया। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से योग सत्र में भाग लिया और उत्साहपूर्वक योगाभ्यास किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma