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नैनीताल, 14 जून (हि.स.)। उत्तराखण्ड की विश्वविख्यात नैनीझील से लगभग आठ वर्षों के अंतराल के बाद एक बार फिर मलबा निकालने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। सिचाई विभाग इस कार्य में पहली बार जेसीबी जैसी मशीनों की जगह कन्वेयर की नई तकनीक से कार्य कर रहा है, जिससे मलबा बिना ढोये झील से सड़क तक लाया जाता है।
बताया गया है कि रुद्रपुर की एक एजेंसी से अनुबंध किया जाना है। कन्वेयर को नयना देवी मंदिर के पास ठंडी सड़क क्षेत्र में सफलता पूर्वक स्थापित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। सिचाई विभाग के सहायक अभियंता डीसी सती ने बताया कि झील के पास मजदूर मलबा एकत्र करेंगे और मलबा कन्वेयर से सीधे वाहन में डाल दिया जाएगा। इससे मलबे को सड़क तक लाने और वाहन में भरने की समस्या समाप्त हो जाएगी। फिलहाल मशीन विभागीय स्तर पर अनुमान है कि नई मशीन की सहायता से 8 से 10 दिनों में झील से मलबा निकालने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि झील में लगातार मलबा भरते जाने से झील की गहराई के घटने से झील की जलधारण क्षमता घटती है, और इससे स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी