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नई दिल्ली, 14 जून (हि.स.)। दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) द्वारका के 32 छात्रों के नाम काटने के विवाद पर अभिभावकों ने शनिवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों ने अपने बच्चों के अधिकारों के लिए न्याय और जवाबदेही की मांग की।
अभिभावकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह विरोध प्रदर्शन बच्चों के साथ हो रहे उत्पीड़न, अवैध फीस वृद्धि और शिक्षा निदेशालय के निर्देशों की अवहेलना के खिलाफ सरकार के हस्तक्षेप की मांग के लिए किया जा रहा हैं।
अभिभावकों का आरोप हैं कि उच्च न्यायालय ने छात्रों के निष्कासन को रद्द कर उन्हें फिर से स्कूल में शामिल करने का आदेश दिया था। लेकिन डीपीएस द्वारका ने अब तक छात्रों को न तो क्लास में दाखिल होने दिया, न ही होमवर्क दिया और न ही शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल किया।
अभिभावकों का आरोप है कि प्रभावित छात्रों को उनकी कक्षाओं तक पहुंचने से वंचित किया जा रहा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में फैसला सुनाया कि जिन छात्रों के नाम बढ़ी हुई फीस का भुगतान न करने के कारण स्कूल से हटा दिए गए थे। उन्हें कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।
एक अभिभावक ने कहा कि डीपीएस द्वारका स्कूल में बच्चों का शोषण हो रहा है। उसके खिलाफ हम लोग प्रदर्शन करने आए हैं। डीपीएस द्वारका उच्च न्यायालय और सरकार के किसी ऑर्डर को नहीं मान रहा है। सरकार की ओर से 15 आदेश आए कोई पालन अभी तक नहीं किया।
उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग और सरकार ने वर्षों से निर्देश जारी किए हैं। लेकिन कोई प्रभावी उपाय लागू नहीं किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने स्कूल ने 32 छात्रों के नाम काट दिये थे और उन्हें ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने को कहा था।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी