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शिवसागर (असम), 14 जून (हि.स.)। शिवसागर जिले के भाटियापारा स्थित रुद्रसागर तेल क्षेत्र में तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के वेल (कुंआ) नंबर आरडीएस‑147 (रिग एसकेपी‑135) से शुरू हुई गैस रिसाव की घटना अब तीसरे दिन में पहुंच चुकी है, लेकिन स्थिति अभी तक नियंत्रण में नहीं लाई जा सकी है। मरम्मत के दौरान 12 जून को सुबह लगभग 11:45 बजे यह रिसाव तेज आवाज के साथ शुरू हुआ था, जो अब तक लगातार जारी है।
कुएं को सील करने की तमाम कोशिशों के बावजूद, अब तक राहत दलों को सफलता नहीं मिल पाई है। ओएनजीसी की आपदा प्रबंधन टीम और संबंधित एजेंसियों की तैनाती के बावजूद रिसाव पर काबू नहीं पाया जा सका है। हालांकि, प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि किसी प्रकार की आग या जनहानि की सूचना फिलहाल नहीं है।
गैस के तेज दबाव के साथ निकलती आवाज और हवा में फैली तीव्र गंध ने आसपास के गांवों में दहशत और बेचैनी बढ़ा दी है। एक किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लगभग 137 परिवारों ( 1200 से अधिक लोगों) को एहतियातन उनके घरों से निकालकर भाटियापारा और बोनगांव के राहत शिविरों में पहुचाया गया है। शिविरों में राहत सेवाएं जैसे-पका हुआ खाना, स्वच्छ पेयजल, प्राथमिक चिकित्सा और सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है, लेकिन प्रभावित लोगों ने मूलभूत सुविधाओं की कमी पर चिंता जताई है।
जिला उपायुक्त आयुष गर्ग ने बताया कि ओएनजीसी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय आपातकालीन सेवाओं की संयुक्त टीम रिसाव को रोकने और सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयासों में जुटी हुई है। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि वे प्रभावित क्षेत्र से दूर रहें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें।
ओएनजीसी के अधिकारियों ने बताया है कि गैस को नियंत्रित करने के लिए 'वेल किलिंग' प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है, जिसमें विशेष रसायनों का प्रयोग किया जा रहा है। इस प्रक्रिया का अगला चरण तड़के शुरू होने की उम्मीद है, हालांकि कंपनी ने अभी तक किसी निश्चित समयसीमा की घोषणा नहीं की है।
इस घटना से स्थानीय निवासियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। 2020 के बाघजान हादसे की याद दिलाते हुए लोगों ने प्रशासन की प्रतिक्रिया में देरी और राहत शिविरों की स्थिति को लेकर असंतोष जाहिर किया है। इस बीच स्थानीय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अगले दो-तीन दिनों के भीतर हालात में सुधार न हुआ तो सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश