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नई दिल्ली, 14 जून (हि.स.)। उत्तरी जिले की साइबर सेल ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपिताें को गिरफ्तार किया है। इनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल है। यह गिरोह भोले-भाले लोगों को महंगे उपहार भेजने का झांसा देकर कस्टम क्लीयरेंस के नाम पर उनके खातों से लाखों रुपये ठग लेता था।
पुलिस के मुताबिक बुराड़ी निवासी महिला ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्हाेंने शिकायत में बताया कि उन्हें फेसबुक पर एक अजनबी ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और खुद को यूनाइटेड किंगडम का नागरिक बताया। धीरे-धीरे व्हाट्सएप पर बातचीत शुरू हुई और फिर आरोपित ने महिला को जन्मदिन पर उपहार भेजने का लालच दिया।
बाद में बताया गया कि उपहार कस्टम में फंस गए हैं और छुड़ाने के लिए 1.10 लाख की जरूरत है। महिला ने बताए गए अकाउंट में पैसे भेज दिए। लेकिन जब कोई उपहार नहीं मिला तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने पुलिस से शिकायत की।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस टीम ने तकनीकी सर्विलांस, बैंक विवरण, कॉल डिटेल रिकॉर्ड, मनी ट्रेलिंग और लोकेशन ट्रैकिंग के माध्यम से जांच की। आखिरकार, पुलिस टीम ने सिटीपुरी से 22 वर्षीय असलम को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपित असलम ने पूछताछ में बताया कि उसने एक नेपाली नागरिक के कहने पर फर्जी बैंक खाता खोला और 5000 में उसे बेच दिया। वह नेपाली नागरिक उक्त खाते को दिल्ली में रह रहे अफ्रीकी नागरिकों को देता था, जो साइबर अपराध में इनका इस्तेमाल करते थे।
असलम की निशानदेही पर नेपाली नागरिक संतोष राणा (37) को वसंत कुंज से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने कबूला कि वह दिल्ली-हरियाणा के विभिन्न इलाकों में किराए पर रहकर स्थानीय लोगों से फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाता था और उन्हें अफ्रीकी गिरोह को बेचता था।
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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी