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काठमांडू, 14 जून (हि.स.)। नेपाल की विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा ने बदलती भू-राजनीतिक प्राथमिकताओं के कारण नेपाल को इस वर्ष मिलने वाले विदेशी विकास सहायता में भारी कटौती की संभावना पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सरकार इस स्थिति से निबटने के लिए गंभीरता से विचार कर रही है।
संसद की अंतरराष्ट्रीय संबंध और पर्यटन समिति की एक बैठक में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. राणा ने कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य अत्यधिक तरल और अप्रत्याशित है। उन्होंने रूस यूक्रेन युद्ध और इजरायल फिलिस्तीन युद्ध के बाद अब इजरायल और ईरान के बीच शुरू हुए ताजा युद्ध से पूरे विश्व के अल्पविकसित देशों पर सबसे अधिक इसका असर होने की बात कही है।
नेपाल की विदेश मंत्री ने कहा कि जिन देशों और अंतराष्ट्रीय संस्थाओं से हमें विकास सहयोग निरंतर दिया जाता रहा है वो सभी विश्व के अलग अलग देशों के बीच चल रहे युद्ध में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहभागी हैं जिसके कारण उन देशों के तरफ से आने वाले दिन में नेपाल जैसे देशों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में कटौती होने की पूरी संभावना है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक सहायता प्राप्त करते हुए हमें अपनी कूटनीति का संचालन करने में सावधानी बरतनी चाहिए। तेजी से बदलती अंतरराष्ट्रीय राजनीति को देखते हुए, हमें विकास कूटनीति के प्रति अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। आर्थिक सहायता के तौर-तरीकों में बदलाव होने की संभावना है, इसलिए हमें सावधान रहना होगा।
विदेश मंत्री ने बताया कि पश्चिमी देशों खास कर अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न संस्थाओं द्वारा पिछले वर्ष से ही बजट में कटौती कर दी गई है जो इस वर्ष और कम होने की उम्मीद है। नेपाल सरकार ने अपने पड़ोसी देशों- चीन और भारत से अपने नियमित आर्थिक सहायता के अलावा भी नेपाल के विकास में सहयोग करने के लिए और अधिक बजट देने की बात शुरू की गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास