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धमतरी, 14 जून (हि.स.)। धमतरी जिला बड़ी तेजी से श्वेत क्रांति में भागीदार बनता जा रहा है। पिछले दो महीने में ही दुग्ध उत्पादन-संग्रहण में बड़ी बढ़ोत्तरी हुई है। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा के दुग्ध व्यवसाय को बढ़ाने, गौपालन को रोजगार का अतिरिक्त जरिया बनाने के प्रयासों से यह संभव हो सका है। दो महीने पहले जिले में प्रतिदिन केवल छह हजार 410 लीटर दूध का संकलन किया जा रहा, जो अब बढ़कर 10 हजार लीटर से अधिक हो गया है। जिले में दुग्ध व्यवसाय से ग्रामीणों को हर दिन फायदा पहुंचाने के लिए कई सुविधाएं भी दी जा रहीं हैं, जिससे उनका रूझान इस पुराने व्यवसाय की तरफ बढ़ता जा रहा है। हर रोज 15 हजार लीटर संकलन करने का लक्ष्य है।
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने धमतरी जिले में दुग्ध व्यवसाय की बड़ी संभावनाओं को ध्यान में रखकर इसके लिए विशेष कार्य योजना तैयार कर काम शुरू किया है। जिले में अधिक से अधिक पशुपालकों को दुग्ध उत्पादक-संग्राहक समितियों से जोड़ा जा रहा है। जिले में मिल्क रूट की पहचान कर लोगों को दुग्ध उत्पादन-संग्रहण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। दो महीने पहले जिले में केवल 47 दुग्ध समितियां सक्रिय थीं, लेकिन जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग के मैदानी अमले के प्रयासों से अब जिले में 68 दुग्ध सहकारी समितियां कार्यरत हैं। इनके माध्यम से लगभग तीस हजार दुग्ध उत्पादक-संग्राहक जुड़े हैं। पिछले दो महीने में ही लगभग 20 नई समितियों का गठन किया गया है। इसी के साथ लंबे समय से अक्रियाशील समितियों को सक्रिय किया गया है। तेजी से समितियों के गठन और अक्रियाशील समितियों की छोटी-छोटी समस्याओं को सुलझाकर सक्रिय बनाने से अब दैनिक दुग्ध संग्रहण भी बढ़कर 10 हजार लीटर से अधिक तक पहुंच गया है।
जिला प्रशासन ने इसे लगभग 15 हजार लीटर प्रतिदिन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। दुग्ध समितियों को समय पर भुगतान नहीं हो पाने की समस्या से निपटने के लिए अब समितियों में माइक्रो एटीएम की सुविधा दी जाने लगी है। इससे दुग्ध उत्पादकों-संग्राहकों को अब उनके बैंक खातों में सीधे राशि मिलने लगी है और दुग्ध व्यवसाय के प्रति पशुपालकों का रुझान बढ़ा है। इसी के साथ नेशनल डेयरी विकास बोर्ड के माध्यम से जिले में दुग्ध समितियों को सशक्त करने का काम किया जा रहा है। सहकारी समितियों में एक दाम पर दुग्ध संग्रहण, चिलिंग प्लांट तक समय पर पहुंचाने से लेकर दुग्ध प्रोसेसिंग के लिए प्लांट तक पहुंचाने की मजबूत व्यवस्था भी की गई है। जिले में अभी सेमरा बी, भाठागांव और मुजगहन में तीन दुग्ध चिलिंग प्लांट है इसके अतिरिक्त कुरूद क्षेत्र में चौथा प्लांट शुरू करने की तैयारी है, इसकी मंजूरी राज्य शासन में मिल गई है। जिले की गातापार ग्राम पंचायत में नव निर्मित दुग्ध प्रोसेसिंग प्लांट को भी जल्द शुरू करने की कोशिशें की जा रही है।
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने सभी दुग्ध उत्पादक पशुपालकों और संग्राहकों के प्रयास से जिले में दूध का उत्पादन बढ़ने पर उनका हौसला बढ़ाया। सभी को धमतरी जिले को श्वेत क्रांति का भागीदार बनाना है। धमतरी जिले में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन की असीमित संभावनाएं है। इससे पशुपालकों और अन्य ग्रामीणों को कम लागत में रोजगार का अतिरिक्त साधन मिल सकता है। सभी पशुपालकों को इस अभियान से जुड़ना चाहिए और दुग्ध व्यवसाय को संगठित रूप से संचालित कर फायदा कमाना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा