मनोहर लाल ने फतेहाबाद परमाणु ऊर्जा परियोजना की प्रगति की समीक्षा की
हरियाणा परमाणु विद्युत परियोजना की समीक्षा करते ऊर्जा मंत्री और अन्‍य


हरियाणा परमाणु विद्युत परियोजना की समीक्षा करते ऊर्जा मंत्री और अन्‍य


नई दिल्ली/चंडीगढ़, 14 जून (हि.स)। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को हरियाणा के फतेहाबाद जिले में परमाणु ऊर्जा परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ फतेहाबाद स्थित उत्‍तर भारत के पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्र गोरखपुर हरियाणा परमाणु विद्युत परियोजना (जीएचएवीपी) की प्रगति की समीक्षा की।

विद्युत मंत्रालय ने की तरफ से बताया गया है कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) द्वारा कार्यान्वित की जा रही परमाणु ऊर्जा परियोजना की प्रगति की समीक्षा करने के लिए गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना (जीएचएवीपी) का दौरा किया। इस परियोजना में 4x700 मेगावाट क्षमता के दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) स्थापित करना शामिल है।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने एनपीसीआईएल के प्रयासों की सराहना की और देश के भविष्य के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और विश्वसनीय ऊर्जा प्राप्त करने में परमाणु ऊर्जा के महत्व को दोहराया। मंत्रालय के मुताबिक इस परियोजना के एक बार पूरा हो जाने पर उत्पादित बिजली का 50 फीसदी हरियाणा राज्य को आवंटित किया जाएगा, जिससे राज्य की ऊर्जा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

मनोहर लाल ने ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी बयान में कहा, “यह महत्वाकांक्षी परियोजना न केवल हरियाणा और उत्तर भारत की दीर्घकालिक ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा समाधानों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करेगी।” मंत्री ने कहा कि जीएचएवीपी जैसी परियोजनाएं भारत को 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा, “यह परियोजना भारत को परमाणु ऊर्जा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ऊर्जा आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है।”

उल्लेखनीय है कि गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना (जीएचएवीपी) में 700 मेगावाट के चार पीएचडब्ल्यूआर (प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर) शामिल हैं, जिनकी कुल परियोजना लागत 41,594 करोड़ रुपये है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर