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कोरियर कंपनी की सेवाएं प्राप्त करना व्यवसायिक गतिविधि नहीं: आयोग
जोधपुर, 14 जून (हि.स.)। राज्य उपभोक्ता आयोग जोधपुर पीठ ने एक निजी हॉस्पिटल द्वारा डीटीडीसी कोरियर कंपनी के माध्यम से भेजे गए सामान को निर्धारित स्थान पर नहीं पहुंचाने पर सेवा दोष माना है। साथ ही कोरियर कंपनी को सामान की कीमत, हर्जाना देने के आदेश दिए है।
यश हॉस्पिटल के प्रोपराइटर रेनू गहलोत ने जिला आयोग जोधपुर प्रथम में विपक्षी डीटीडीसी कोरियर कंपनी जोधपुर के माध्यम से पोर्टेबल मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर भिजवाया था। परिवादी ने सिलेंडर खराब होने पर उसके उत्पादक को वापस लौटाया था। कोरियर कंपनी ने पार्सल गंतव्य स्थान पर नहीं पहुंचाया तथा कंपनी के प्रतिनिधि ने परिवादी को बताया कि उनके पार्सल को नई दिल्ली एयरपोर्ट पर खतरनाक विस्फोटक वस्तु, अपराधिक बम होने के शक में रोक कर अपनी कस्टडी में ले लिया है। परिवादी ने कई बार कोरियर कंपनी में संपर्क किया लेकिन बुक किया गया सिलेंडर नहीं लौटाया। विपक्षी कोरियर कंपनी डीटीडीसी की ओर से बताया गया कि परिवादी ने मेडिकल उपकरण बात कर बुकिंग करवाई थी। परिवादी की गलती के कारण 25 हजार रुपये की पेनल्टी एयरपोर्ट पर लगाई गई तथा कोरियर कंपनी पर सात दिवस तक सभी एयरलाइंस में सामान बुक करने की पाबंदी लगाई जिसके कारण विपक्षी को भारी नुकसान उठाना पड़ा। परिवादी ने सामान बुक करवाने करवाते समय क्या वस्तु भेजी जा रही है इसके बारे में जानकारी नहीं दी। जिला आयोग ने विपक्षी के कथन को उचित मानते हुए परिवादी का परिवाद अस्वीकार कर दिया।
जिला आयोग के निर्णय के विरुद्ध लगाई अपील
जिला आयोग के निर्णय के विरुद्ध परिवादी ने राज्य उपभोक्ता आयोग जोधपुर पीठ के समक्ष अपील प्रस्तुत की। आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र कच्छवाहा, सदस्य मुकेश सिंह व सदस्य लियाकत अली ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर अपने निर्णय में कहा कि कोरियर कंपनी का कथन है कि एयरपोर्ट पर अथॉरिटी द्वारा विस्फोटक सामान की आशंका में सिलेंडर जब्त किया गया था, तथा 25 हजार रुपये की पेनल्टी भी कंपनी पर लगाई गई एवं कंपनी की सेवाएं भी सात दिन तक रोक दी गई। आयोग द्वारा अपने निर्णय में कहा कि जहां तक प्रश्न पार्सल के अंदर क्या है यह नहीं लिखे जाने के तर्क का हैं, सामान्यत: कोरियर कंपनियों के माध्यम से भेजे जाने वाले पार्सल पर ऐसी बात नहीं लिखी जाती है। एयरपोर्ट प्राधिकरण के पास सुरक्षा जांच के दौरान ऐसा उपकरण होता है जिससे वह जांच के दौरान पार्सल के बिना खोले पता लगा सकते हैं और शक होने पर पार्सल खोलकर उसकी भी जांच की जा सकती है लेकिन एयरपोर्ट प्राधिकरण ने ऐसा किया हो कोई दस्तावेज अभिलेख पर उपलब्ध नहीं है। कोरियर कंपनी डीटीडीसी कोरियर कंपनी द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग में जवाब देरी से दिया गया तथा 500 कॉस्ट पर जवाब रिकॉर्ड पर लेने के आदेश दिए गए लेकिन राशि जमा करवाई गई हो आदेशिका में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है। जिला आयोग जोधपुर प्रथम द्वारा ली गई सेवाओं को वाणिज्यिक गतिविधि माना जाना भी सही नहीं कहा जा सकता। कोरियर कंपनी द्वारा एयरपोर्ट अथॉरिटी में 25 हजार जमा करवाए गए हो ऐसी कोई रसीद भी प्रस्तुत नहीं की गई है।
राज्य आयोग ने सुनवाई के बाद यह दिए आदेश
आयोग द्वारा समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अपीलार्थी यश हॉस्पिटल की अपील को स्वीकार करते कोरियर कंपनी को सिलेंडर वापस लौटाने अथवा उसकी कीमत अदा करने एवं मानसिक क्षति के रूप में 25 हजार रुपए तथा परिवाद एवं अपील व्यय के रूप में पांच-पांच हजार रुपए देने के आदेश पारित किए गए। परिवादी की ओर की ओर से अधिवक्ता केके भाटी एवं विपक्षी की ओर से पवन प्रकाश उपस्थित हुए।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश