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जम्मू, 14 जून (हि.स.)। विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र सांबा ने सांबा, नड और रामगढ़ ब्लॉक के नौ गांवों में किसानों से सीधा संवाद कर उन्हें कृषि से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, योजनाओं और सहायता कार्यक्रमों के बारे में जागरूक किया। यह अभियान स्कॉस्ट-जम्मू के कुलपति प्रो. बी.एन. त्रिपाठी के नेतृत्व और डॉ. अमरीश वैद, निदेशक विस्तार, स्कॉस्ट-जम्मू के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य किसानों को सरकारी योजनाओं की प्रभावी जानकारी देना, स्थानीय समस्याओं की पहचान करना और नीतियों में सुधार हेतु सुझाव प्राप्त करना है।
कार्यक्रम की निगरानी कर रहे प्रो. संजय खजूरिया, नोडल अधिकारी वीकेएसए एवं प्रमुख वैज्ञानिक, केवीके सांबा ने कहा कि यह पहल विकसित भारत के निर्माण हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत चलाई जा रही है। संयुक्त नोडल अधिकारी डॉ. राकेश खजूरिया (मुख्य कृषि अधिकारी, सांबा) और सीएचओ सांबा अनिल कुमार गोरखा ने बताया कि सरकार भारतीय कृषि को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए दीर्घकालीन योजना पर काम कर रही है।
अभियान के तहत किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड और उर्वरकों का विवेकपूर्ण उपयोग, खरीफ फसलों के लिए वैज्ञानिक प्रबंधन तकनीक, प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा, संरक्षित खेती और कम क्षेत्र में अधिक लाभ वाली फसलें, पशु स्वास्थ्य प्रबंधन और मत्स्य पालन व रेशम उत्पादन, महिला कृषकों के श्रम को कम करने वाली तकनीकें, जल संरक्षण और प्रबंधन के उपाय, मूल्य संवर्धन और खाद्य प्रसंस्करण के अवसर जैसे विषयों के साथ ही एचएडीपी एवं जेकेसीआइपी जैसी योजनाओं की जानकारी दी गई।
गौरतलब है कि यह कार्यक्रम केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू किए गए देशव्यापी अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य किसानों तक सीधी पहुंच बनाकर नीतियों के जमीनी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना है। केवीके सांबा की टीम और सहयोगी विभागों के वैज्ञानिकों ने किसान-वैज्ञानिक संवाद के माध्यम से उनके सवालों के जवाब दिए और व्यावहारिक समाधान सुझाए। यह पहल निश्चित रूप से स्थायी कृषि विकास की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा