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रायगढ़, 14 जून (हि.स.)। राजस्व बेहद अहम विभाग है। फैसले लेने में गंभीरता बरतना बेहद जरूरी है, क्योंकि जमीन से जिंदगी जुड़ी है और कलम से जिंदगी। उक्त बातें आज शनिवार को खरसिया की नए तहसीलदार अनुराधा पटेल ने हिन्दुस्थान समाचार से चर्चा के दौरान कही।
उन्होंने आगे कहा कि, परिस्थितियां चाहे जैसी भी रहे आम लोगों की सेवा करना मेरा प्रमुख लक्ष्य है। वर्ष 2013 में इंजीनियरिंग करने वाली तहसीलदार अनुराधा मूलतः रायगढ़ जिले के सारंगढ़ परसकोल गांव की बेटी है। प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा रायगढ के ही सरस्वती शिशु मंदिर और कार्मेल स्कूल में हुई है। बचपन से टेक्नोलॉजी में रुचि और किताबे पढ़ने के शौक ने उन्हें प्रशासनिक सेवा की ओर आकर्षित किया। यह इसका ही असर था कि वर्ष 2016 में पीएससी के अपने पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त हुई। बतौर नायाब तहसीलदार के रूप में पहली पोस्टिंग जशपुर जिले में हुई, जिसके बाद जांजगीर और रायगढ़ जिले में भी काफी समय तक वह रही।
अपने माता पिता की इकलौती संतान तहसीलदार अनुराधा की शादी जांजगीर के सारागांव कुरदा में हुई है। पति जांजगीर में ही भू अभिलेख अधिकारी है। उनकी एक छोटी बेटी है। लेकिन व्यस्त शेड्यूल और प्रशासनिक कामकाज के दबाव के बीच परिवार को समय दे पाना काफी मुश्किल होता है। लेकिन सामंजस्य और समझौता ही वह रास्ता है जिसके बलबूते वह अपने कर्तब्यों का निर्वहन बखूबी कर पाती है।
उल्लेखनीय है कि, पेशी दर पेशी लगाकर थक चुके लोगों को अब राहत की उम्मीद है। दरअसल खरसिया की नई तहसीलदार अनुराधा पटेल ने लोगों को पेशी से मुक्ति दिलाने पुरानी पेंडेंसी फाइलों का त्वरित रूप से निराकरण करने की बात कही है। इसके लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसे आने वाले दिनों में मूर्त रूप दिया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / रघुवीर प्रधान