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नई दिल्ली, 14 जून (हि.स.)। कांग्रेस ने गाजा संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में प्रस्ताव से भारत के दूरी बनाए रखने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में खरगे ने पूछा कि क्या भारत ने अपने लंबे समय से चले आ रहे नैतिक और गुटनिरपेक्ष कूटनीति के सिद्धांतों को त्याग दिया है? उनका कहना है कि भारत हमेशा शांति, संवाद और न्याय का पक्षधर रहा है और पश्चिम एशिया में यही नीति उसकी पहचान रही है। उन्होंने यह भी कहा, “60 हजार से अधिक लोगों की मौत के बीच भारत का मूकदर्शक बने रहना न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह उस नैतिक दायित्व से भी विमुख है जिसे भारत ने दशकों से निभाया है।”
संयुक्त राष्ट्र महासभा में 149 देशों ने गाजा में संघर्षविराम के समर्थन में मतदान किया, जबकि भारत उन 19 देशों में शामिल था जिन्होंने मतदान से परहेज किया। खरगे के अनुसार, यह कदम भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर देता है। उन्होंने याद दिलाया कि 8 अक्टूबर 2023 को कांग्रेस ने इज़राइल पर हमास के हमलों की कड़ी निंदा की थी। साथ ही, पार्टी ने 19 अक्टूबर को गाजा में तुरंत संघर्षविराम और मानवीय सहायता की मांग की थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा