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श्रीनगर 14 जून (हि.स.)। कश्मीर टिम्बर एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को वन पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण मंत्री जावेद अहमद राणा से मुलाकात की और कश्मीर में टिम्बर व्यापार विनियमनों और वन अनुपालन के बारे में चिंताओं पर चर्चा की।
एसोसिएशन ने जम्मू-कश्मीर में एक समान नीति कार्यान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया, कथित असंगत प्रथाओं को इस क्षेत्र के विकास में एक बड़ी बाधा बताया। उठाए गए प्रमुख मुद्दों में चेकपॉइंट्स पर अपर्याप्त तकनीकी बुनियादी ढांचा, जटिल लाइसेंसिंग प्रक्रियाएं, असंगत ई-वे बिल जारी करना और पुराने उपकरण शामिल थे। मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को इस क्षेत्र का समर्थन करने और पारदर्शिता, एकरूपता और व्यापारी-मित्रता बढ़ाने के लिए उनके सुझावों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। मंत्री ने लकड़ी की आपूर्ति और वन संरक्षण को संतुलित करने, लकड़ी के व्यापार की निगरानी करने और वन क्षति को रोकने के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचे, निगरानी प्रणालियों और जवाबदेही उपायों को लागू करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने आजीविका को बनाए रखने में वनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और प्रतिनिधिमंडल को लकड़ी व्यापार क्षेत्र के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार समुदाय द्वारा संचालित वन संरक्षण और प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए जम्मू और कश्मीर में लकड़ी व्यापार क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए हितधारकों के साथ सहयोग करने को तैयार है। मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के सुझावों की सराहना करते हुए उनसे संभावित सुधारों के लिए सरकार के साथ अपने जुड़ाव को जारी रखने का आग्रह किया, जो इस क्षेत्र को लाभान्वित कर सकते हैं और इस पर निर्भर आजीविका का समर्थन कर सकते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया