राष्ट्रीय संगोष्ठी: पंजाबी भाषा, साहित्य और संस्कृति पर मंथन
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बाराबंकी, 13 जून (हि.स.)। जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पी. जी. कॉलेज, बाराबंकी में शुक्रवार को पंजाबी भाषा, साहित्य और संस्कृति: वर्तमान चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ विषय पर एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी, लखनऊ और कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुई।

कार्यक्रम का उद्घाटन भारत माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कॉलेज के प्राचार्य प्रो.(डॉ.) सीताराम सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि पंजाबी अकादमी के निदेशक ओम प्रकाश सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। प्रो. रंजीत कौर, प्रो. अनिल कुमार विश्वकर्मा, प्रो. विजय कुमार वर्मा और अजय कुमार पाण्डेय जैसे गणमान्य वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। पंजाबी अकादमी के कार्यक्रम समन्वयक अरविंद नारायण मिश्र भी इस अवसर पर मौजूद रहे।

संगोष्ठी में वक्ताओं ने पंजाबी भाषा के सामने मौजूद चुनौतियों और उसकी उज्ज्वल संभावनाओं पर गहराई से चर्चा की। प्राचार्य प्रो.(डॉ.) सीताराम सिंह ने विश्वविद्यालयों में पंजाबी विभाग न होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय भाषाओं का संरक्षण और संवर्धन हम सभी का परम कर्तव्य है। उन्होंने नगर के पंजाबी भाषी लोगों का सर्वेक्षण करवाकर कॉलेज में पंजाबी विषय की पढ़ाई शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय, यूपीआरटीयू और इग्नू के माध्यम से प्रयास करने का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पंजाबी भाषा, साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट, यूट्यूब और सोशल मीडिया का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए।

प्रो. विजय कुमार वर्मा ने पंजाबी भाषा, साहित्य और संस्कृति के ऐतिहासिक परिदृश्य पर विस्तृत प्रकाश डाला, जबकि प्रो. रंजीत कौर ने पंजाबी भाषा की वर्तमान स्थिति को समझाया। मुख्य अतिथि ओम प्रकाश सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पंजाबी भाषा, साहित्य और संस्कृति के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी और संगोष्ठी के सफल आयोजन के लिए जेएनएम कॉलेज को धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस महत्वपूर्ण संगोष्ठी में कॉलेज के प्रो. अबरीश कुमार शास्त्री, प्रो. संतोष कुमार गौड़, प्रो. कृष्ण कांत चंद्रा, प्रो. सुनीता यादव, डॉ. प्रदीप कुमार सहित लगभग 400 शोधार्थी, स्नातकोत्तर छात्र और नगर के अनेक पंजाबी भाषी गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. अनिल कुमार विश्वकर्मा ने कुशलतापूर्वक किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज कुमार चतुवेर्दी