Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
पश्चिम सिंहभूम, 14 जून (हि.स.)। जिले के आदिवासी हो समाज युवा महासभा की ओर से शनिवार को मंझारी प्रखंड के नवाडीह गांव में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया।
यह आयोजन सामाजिक जागरूकता अभियान का हिस्सा था। इसका उद्देश्य ग्रामीणों को डायन-प्रथा जैसी कुप्रथाओं, ग्रामसभा की भूमिका, नागरिक जिम्मेदारियों और आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के प्रति जागरूक बनाना था।
सभा के दौरान वक्ताओं ने डायन-प्रथा से होने वाले सामाजिक, मानसिक और आर्थिक नुकसान पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि इस कुप्रथा के कारण महिलाओं को प्रताड़ना और हिंसा का शिकार होना पड़ता है, जो कानूनन अपराध है। इस संदर्भ में ग्रामीणों को कानूनी जानकारी दी गई। साथ ही नेशनल आदिवासी रिवाइवल एसोसिएशन और सिंगी एंड सिंगी सोसाइटी की ओर से हैंडबिल भी वितरित किए गए।
वक्ताओं ने ग्रामसभा को लोकतंत्र का आधार बताते हुए कहा कि यह संस्था न केवल सरकार और समाज के बीच सेतु का कार्य करती है, बल्कि सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और ग्रामीणों को उनका अधिकार दिलाने में भी अहम भूमिका निभा सकती है।
सभा में धर्मांतरण और धार्मिक अतिक्रमण की बढ़ती घटनाओं पर भी चिंता जताई गई। वक्ताओं ने कहा कि हिन्दुत्व, इसाईयत और इस्लामिक प्रचार गतिविधियों के कारण आदिवासी पहचान और सांस्कृतिक मूल्यों पर खतरा मंडरा रहा है। इससे सावधान रहने और अपनी परंपराओं को संरक्षित रखने की आवश्यकता बताई गई।
कार्यक्रम में हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इपिल सामड, महासचिव गब्बर सिंह हेम्ब्रम, प्रदेश समिति सदस्य लेबा गागराई, पूर्व अनुमंडल सचिव सिकंदर तिरिया सहित कई समाजसेवी और ग्रामीण उपस्थित थे।
सभा के अंत में उपस्थित लोगों ने सामूहिक रूप से कुरीतियों के खिलाफ आवाज़ उठाने और अपनी संस्कृति की रक्षा करने का संकल्प लिया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक