राज्यपाल ने प्रैक्टिसिंग कंपनी सेक्रेटरीज के 26वें राष्ट्रीय सम्मेलन का किया उद्घाटन
Guwahati: Assam Governor Lakshman Prasad Acharya inaugurating the 26th National Conference of Practising Company Secretaries on Saturday here.


- जीवंत अर्थव्यवस्था को आकार देने में कंपनी सेक्रेटरियों की भूमिका की सराहना की

गुवाहाटी, 14 जून (हि.स.)। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज गुवाहाटी के एक होटल में प्रैक्टिस कर रहे कंपनी सेक्रेटरियों के 26वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) द्वारा आयोजित दो दिवसीय इस सम्मेलन में देश भर के अग्रणी पेशेवर आधुनिक शासन और कॉर्पोरेट प्रबंधन में कंपनी सेक्रेटरियों की उभरती भूमिका पर विचार-विमर्श करने के लिए एकत्रित हुए।

अपने उद्घाटन भाषण में राज्यपाल आचार्य ने सम्मेलन को महज एक वार्षिक सभा से कहीं बढ़कर बताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन पारदर्शिता, निष्पक्षता और नैतिक अखंडता के सिद्धांतों पर निर्मित कॉर्पोरेट भारत को आकार देने के लिए आईसीएसआई की प्रतिबद्धता की पुष्टि का प्रमाण है।

15 जून को प्रैक्टिसिंग कंपनी सेक्रेटरीज डे कार्यक्रम के साथ होने वाले इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, राज्यपाल ने 1988 के ऐतिहासिक मील के पत्थर की सराहना की, जब प्रैक्टिस कर रहे कंपनी सेक्रेटरियों को वार्षिक रिटर्न प्रमाणित करने के लिए वैधानिक मान्यता दी गई थी। उन्होंने बिरादरी को अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा, उस दिन न केवल पेशेवर मान्यता मिली, बल्कि एक गहन जिम्मेदारी की शुरुआत भी हुई।

पेशे के विकास पर विचार करते हुए, राज्यपाल आचार्य ने कहा कि कंपनी सचिवों की भूमिका कानूनी दस्तावेजों की समीक्षा करने से लेकर रणनीतिक सलाहकार, जोखिम प्रबंधक और डेटा सुरक्षा के संरक्षक बनने तक विकसित हुई है। उन्होंने भारत के वैश्विक आर्थिक शक्ति में परिवर्तन में कंपनी सचिवों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, नैतिक शासन के प्रति आपकी प्रतिबद्धता के माध्यम से, आप निवेशकों का विश्वास, संस्थागत ताकत और आर्थिक लचीलापन बढ़ाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उद्धृत करते हुए, राज्यपाल ने कहा, जब शासन पारदर्शी होता है, तो विश्वास बढ़ता है। और जब विश्वास बढ़ता है, तो राष्ट्र प्रगति करता है।

राज्यपाल आचार्य ने ई-गवर्नेंस, एमसीए 21 और एक्सबीआरएल जैसी डिजिटल पहलों के गहन प्रभाव को स्वीकार किया, जिसने कॉर्पोरेट अनुपालन को और अधिक पारदर्शी और कुशल बना दिया है। राज्यपाल ने गुवाहाटी और पूर्वोत्तर के रणनीतिक महत्व पर भी प्रकाश डाला और शहर को आसियान देशों का प्रवेश द्वार और पूर्वोत्तर को 'अष्टलक्ष्मी' कहा। उन्होंने कहा, यहां सम्मेलन की मेजबानी इस क्षेत्र के आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करती है।

राज्यपाल ने आत्मनिर्भरता, नवाचार और समावेशी विकास की दिशा में राज्य के प्रयासों के उदाहरण के रूप में अरुणोदय, स्वनिर्भर नारी-आत्मनिर्भर असम और असम स्टार्ट-अप जैसी पहलों की सराहना की। ऐसे कार्यक्रमों में कंपनी सचिवों की भागीदारी पर विश्वास व्यक्त करते हुए उन्होंने संस्थान से पूर्वोत्तर में जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने का आग्रह किया, खासकर महिलाओं और युवाओं के लिए, ताकि समावेशी प्रगति में तेजी आए। राज्यपाल आचार्य ने कंपनी सचिवों से एआई, बिग डेटा और ब्लॉकचेन द्वारा आकार दिए गए उभरते युग की चुनौतियों को स्वीकार करने और अपने निर्णयों को नैतिक निर्णय और दूरदर्शिता पर आधारित करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, आइए हम भारत को ईएसजी गवर्नेंस, जलवायु, वित्त, साइबर जोखिम प्रबंधन और जिम्मेदार एआई में वैश्विक नेता बनाने के लिए मिलकर काम करें। राज्यपाल ने यह भी कहा, एक विकसित भारत के निर्माण के संकल्प और शक्तिशाली और जीवंत अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा में, कंपनी सचिवों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुझे विश्वास है कि वे सुशासन, पारदर्शिता और जिम्मेदार नेतृत्व के चैंपियन बनकर भारत को 'विश्वगुरु' बनाने में सक्रिय रूप से योगदान देना जारी रखेंगे।

आईसीएसआई के अध्यक्ष सीएस धनंजय शुक्ला, आईसीएसआई के उपाध्यक्ष सीएस पवन चांडक, पीसीएस समिति के अध्यक्ष सीएस प्रवीण सोनी, कार्यक्रम निदेशक सीएस संदीप कुमार केजरीवाल, गुवाहाटी चैप्टर के अध्यक्ष सीएस लोहित बगरिया सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उद्घाटन समारोह में मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश