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उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र विस्तार में कृषि व पशुपालन विभाग सहयोग करें: कमिश्नर
रीवा, 14 जून (हि.स.)। कमिश्नर बीएस जामोद ने शनिवार को कमिश्नर कार्यालय में आयोजित बैठक में आगामी 18 जून को कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा रबी फसल की उपलब्धियों तथा खरीफ फसल की तैयारियों के संबंध में संभागीय बैठक की पूर्व तैयारी बैठक में समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दलहन-तिलहन के साथ मोटे किस्म के अनाज उत्पादन के क्षेत्र विस्तार को प्राथमिकता दें। साथ ही उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र विस्तार में कृषि व पशुपालन विभाग समन्वय व सहयोग के साथ कार्य करें।
कमिश्नर जामोद ने कहा कि खेती ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है। रीवा संभाग में सिंचाई सुविधाओं में वृद्धि हो रही है जिससे खेती के और अधिक बेहतर होने की संभावनाएं हैं। खेती को आधुनिक बनाने के लिए किसानों को उन्नत तकनीक के बारे में जानकारी दें। खेती के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्यपालन से कृषकों को जोड़कर उनके आर्थिक विकास में सहभागी बनें। बैठक में कमिश्नर ने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान में प्राप्त सुझावों को भी कार्ययोजना में शामिल करते हुए फसलवार वर्ष भर की कार्ययोजना तैयार करें। समन्वित प्रयासों से ही खेती व उससे संबद्ध अन्य गतिविधियों को शामिल कर किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सकता है।
कमिश्नर ने कहा कि किसानों को कृषि यंत्रों के उपयोग के लिए जागरूक करते हुए स्प्रिंकलर के माध्यम से सिंचाई सुविधाओं के लिए प्रेरित करें। गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराकर लाई वैल्यू क्रॉप को प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बोये जाने वाले रकबे के अनुरूप प्रमाणित बीज की उपलब्धता का आकलन करें। नरवाई प्रबंधन के लिए किसानों को प्रेरित करें तथा मिट्टी परीक्षण के अनुरूप फसल उत्पादन के लिए किसानों को प्रेरित करें।
उन्होंने कहा कि धान के स्थान पर मोटे अनाज के उत्पादन के लिए किसानों को जागरूक करते हुए इनके बाजार की उपलब्धता की भी व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। उन्होंने ऊषा-16 अरहर किस्म के उत्पादन की सूची संकलित करने तथा पूर्ण पारदर्शिता के साथ जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में बीज वितरण की कार्यवाही सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने शिविर लगाकर किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
कमिश्नर ने कहा कि संभाग में खेत तालाब व ग्रामीण तालाबों सहित सभी तालाबों को सूचीबद्ध कर 30 जून तक मत्स्यपालन विभाग को सूचना दें ताकि सभी तालाबों में मछलीपालन हो सके। उन्होंने केज कल्चर से मत्स्यपालन उत्पादन को बढ़ावा देने की बात भी कही। बैठक में कमिश्नर ने उद्यानिकी फसलों के विस्तार के लिए क्लस्टरवार कार्ययोजना बनाकर कार्य करने की बात कही तथा उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र की गिरदावरी कराने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने कृषि उपज मण्डियों की ई मण्डी व्यवस्था तथा डेयरी विकास द्वारा दुग्ध उत्पादन के लिए किए जा रहे कार्यों का प्रस्तुतिकरण भी देखा। उन्होंने कहा कि आगामी 18 जून को आयोजित एपीसी बैठक में सभी अधिकारी पूरी तैयारी के साथ उपस्थित रहें तथा संभागन्तर्गत जिलों में किए गए नवाचार व सफलता की कहानियों का प्रस्तुतिकरण वीडियो फिल्म के माध्यम से कराएं।
बैठक में कृषि, उद्यानिकी, मत्स्यपालन, डेयरी विकास, सहकारिता, मार्फेड सहित संबंधित विभागों के संभागीय अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण दिया। विभिन्न जिलों के कलेक्टर्स ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने विचार व सुझाव रखे तथा जानकारी प्रस्तुत की। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों के कृषि एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों ने जिलेवार जानकारी का प्रस्तुतीकरण किया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर