उत्तराखंड के सभी पुलों और हेलीपैडों का होगा ऑडिट
पुष्कर सिंह धामी शनिवार शाम राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र में मानसून सीजन व आपदा प्रबन्धन की तैयारियों की समीक्षा करते।


-घटना स्थल पर 15 मिनट के भीतर पहुंचेगा जेसीबी

-पुरानी एम्बुलेंस वाहनों को तत्परता से बदलें

देहरादून, 14 जून (हि. स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को अच्छी तैयारी और उचित प्रबंधन से उनके जोखिम को कम किया जा सकता है। उन्होंने बरसात से पहले राज्य के सभी पुलों का सुरक्षा ऑडिट और हेलीकॉप्टर सुरक्षा को लेकर सभी हेलीपैडों में सुरक्षा के समुचित प्रबंध करने और हेलीपैडों का सेफ्टी ऑडिट करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार शाम राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र में सभी जिलाधिकारियों के साथ मानसून सीजन व आपदा प्रबन्धन की तैयारियों की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मानसून के दौरान किसी भी भूस्खलन की आपात स्थिति के दौरान घटना स्थल पर 15 मिनट के भीतर अनिवार्यतः जेसीबी पहुंचाने के लिए लोक निर्माण विभाग सहित संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। तत्परता से राज्य का लैण्डस्लाइड मैप तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने संबंधित सचिव को विशेषरूप से हल्द्वानी से कैंचीधाम, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ रुट के पैच वर्क व राज्य के सभी पुलों की समीक्षा के लिए बतत्काल निरीक्षण दौरा करने को कहा है। उन्होंने मानसून सीजन एवं मेडिकल आपातकाल के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने पुरानी एम्बुलेंस वाहनों को तत्परता से बदलने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने मानसून के दौरान जीर्ण शीर्ण विद्यालयों का चिन्हीकरण करते हुए इनमें विद्यार्थियों का पठन-पाठन बन्द करवाते हुए तत्काल प्रभाव से शेल्टर की व्यवस्था करने के निर्देश शिक्षा विभाग व जिलाधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्कूल, अस्पतालों, आश्रमों जैसे स्थलों संवेदनशील स्थलों का सुरक्षा की दृष्टि से वेरिफिकेशन पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने जलाश्यों की नियमित मॉनिटरिंग करते हुए नियमित रूप से सिल्ट हटाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार व उधमसिंह नगर जेैसे मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति के स्थायी समाधान व जल निकासी को लेकर विशेषज्ञ एंजेसी की सहायता से सर्वे करते हुए प्रभावी कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को बंद सड़कों की रियल टाइम जानकारी की नियमित रूप से एप व वेबसाइट पर अपडेट करने को कहा।

राज्य में आपदा के रिस्पॉन्स एवं पूर्व तैयारियों के मामलों में अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करते हुए निर्देश दिए कि जनजागरूकता के लिए आपदा से संबंधित टॉल फ्री नम्बर, सचेत एप आदि का समुचित प्रचार प्रसार किया जाए। उन्होंने सभी विभागों को टीम भावना व प्रभावी समन्वय से कार्य करने की नसीहत दी। इसके साथ ही उन्होंने एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवानों की मदद के लिए स्थानीय लोगों को भी आपदा राहत एवं बचाव कार्यों में शामिल करने और प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने सभी अस्पताल, स्कलों, आश्रम सहित सभी सवेदनशील जगहों पर बिजली के खुले तारों को सुरक्षित कवर करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को तत्परता से मलबा हटवाने की कार्यवाही भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने आपदा के लिहाज से संवेदनशील सभी स्थानों में पर्याप्त मात्रा में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टुकड़ियों तैनात करने के निर्देश दिए। उन्होंने आपदाओं के दृष्टिगत पिथौरागढ़ जनपद में भी एक हेलीकॉप्टर तैनात रखने के निर्देश दिए। उन्होंने पिथौरागढ़ जनपद में एयरपोर्ट के विस्तार के कार्यों और प्रक्रिया को तेज करने व मेडिकल कॉलेज के कार्य को भी शीघ्रता से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने मानसून के दृष्टिगत गर्भवती महिलाओं का डेटाबेस बनाने और ऐसी महिलाएं जिनकी डिलीवरी अगले चार माह में होनी है। उसके लिए अभी से प्रबंध करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने नैनीताल जनपद में गोला एप्रोच रोड के कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने व यदि इस काम के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता है तो शासन से उसकी मांग करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ चौकिया की पर्याप्त मात्रा में स्थापित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जीर्ण शीर्ण स्कूल के भवनों की मरम्मत करने तथा 15 दिन के भीतर जिला शिक्षा अधिकारी से ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा के लिहाज से संवेदनशील ऐसे स्कूल भवन जो खतरे की जद में हैं, उनकी मरम्मत जल्द से जल्द की जाए।

चार धाम यात्रा को लेकर भी मुख्यमंत्री ने संबंधित जिलाधिकारी से कहा कि मौसम विज्ञान विभाग की ओर से इस वर्ष अधिक बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है, इसलिए यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और अत्यधिक बारिश या भूस्खलन के चलते यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए और स्थिति सामान्य होने के बाद ही आगे रवाना किया जाए।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न बांधों और जलाशय का भी निरीक्षण करने व इनमें जमा सिल्ट को निकालने के निर्देश दिए। यह सुनिश्चित किया जाना अत्यंत आवश्यक है कि जलाशयों की भंडारण क्षमता कम ना हो।

उन्होंने कहा कि समुदायों की भागीदारी व स्वयंसेवकों की एक संगठित टीम तैयार तैयार करने के लिए जनपद इस दिशा में जल्द से जल्द कार्य योजना बनाएं। उन्होंने सभी रेखीय विभागों से आगामी मानसून के दौरान आपसी समन्वयी और सामंजस स्थापित करते हुए कार्य करने को कहा। साथी उन्होंने भूस्खलन संवेदनशील क्षेत्रों की मैपिंग कर उनका डेटाबेस बनाने के निर्देश दिए ताकि प्रभावी तरीके से उनका ट्रीटमेंट किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कैंची बाईपास निर्माण में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि जल्द से जल्द सभी जगह से अनापत्ति लेने संबंधी सभी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए सड़क निर्माण किया जाए।

बैठक में उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन विनय कुमार रुहेला, मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली एवं अन्य अधिकारी व वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार