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- अगर बांग्लादेशी तत्व फैला रहे हैं साम्प्रदायिकता तो यह मुख्यमंत्री की विफलता
गुवाहाटी, 14 जून (हि.स.)। धुबड़ी में हाल ही में हुई साम्प्रदायिक घटनाओं को लेकर कांग्रेस नेता और सांसद प्रद्युत बरदलै ने असम सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस सांसद बरदलै ने मुख्यमंत्री डॉ. सरमा से राजधर्म निभाने की अपील की।
गुवाहाटी स्थित राजीव भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, “असम में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने वाली किसी भी अशुभ शक्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसी ताकतों को खोजकर कठोरतम् दंड दिया जाना चाहिए। अगर मुख्यमंत्री और कुछ अन्य लोगों के दावे के अनुसार, बांग्लादेश से आई किसी शक्ति ने धुबड़ी जैसी जगहों पर साम्प्रदायिक जहर फैलाया है, तो यह सीधे-सीधे राज्य सरकार और भारत सरकार की विफलता है। यह सरकार के लिए शर्म की बात है।”
उन्होंने कहा कि धुबड़ी में पोस्टर लगाना, गोमांस फेंकना जैसे कृत्यों के पीछे अगर वास्तव में बांग्लादेशी तत्वों का हाथ है, तो यह गृहमंत्री के रूप में डॉ. सरमा की सबसे बड़ी असफलता है। उन्होंने सवाल किया कि जब राज्य में इतनी सुरक्षा व्यवस्था है, तो ऐसी घटनाएं कैसे हो रही हैं?
प्रद्युत बरदलै ने आरोप लगाया कि जब से डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने धार्मिक विभाजन की राजनीति शुरू की है, तब से राज्य में साम्प्रदायिक घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा, “ईद, दुर्गा पूजा जैसे अवसरों पर साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने में भाजपा से जुड़े संगठनों का हाथ रहा है, इसके कई प्रमाण पिछले वर्षों में सामने आए हैं। दो धार्मिक सूत्रों के ज़रिए असमिया समाज को बांटने और उसके बीच घृणा व हिंसा की राजनीति करने की जो नीति मुख्यमंत्री ने अपनाई है, उसी का नतीजा है कि आज कुछ ताकतें सिर उठा रही हैं।”
उन्होंने केंद्र सरकार को भी याद दिलाते हुए कहा, “जैसे 2002 के गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा था कि ‘राजधर्म निभाएं’, हम भी यही कहना चाहते हैं। फर्क बस इतना है कि हम डॉ. सरमा को राजा नहीं मानते, वह खुद को मानते हैं।”
भूमि नीति पर भी कड़ी टिप्पणी करते हुए बरदलै ने कहा कि असमिया पहचान से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों पर अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस इन पर कार्रवाई का समर्थन करती है, लेकिन साथ ही सरकार द्वारा जनजातीय निवासियों को बेदखल कर उनकी ज़मीन पूंजीपतियों, विशेष रूप से अदानी समूह को देने की कोशिशों का कड़ा विरोध करती है।
उन्होंने कोकराझाड़, पलासबाड़ी, कार्बी आंगलोंग, राभा हासोंग और नगांव के विभिन्न इलाकों में आदिवासियों की ज़मीनें छीने जाने के कथित प्रयासों की भी विस्तार से चर्चा की।
विपक्षी गठबंधन को लेकर बरदलै ने कहा कि कांग्रेस समान विचारधारा वाले, क्षेत्रीय पहचान में विश्वास रखने वाले दलों के साथ मिलकर 2026 में भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष गौरव गोगोई के नेतृत्व में सभी सहयोगियों के साथ मिलकर एक सशक्त कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार के गठन की दिशा में काम किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश