हिसार : केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से मिलकर भव्य बिश्नोई ने रखी मांगे
केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव को मांग पत्र सौंपते भव्य बिश्नोई।


पर्यावरणीय भविष्य सुरक्षित करने के प्रति सरकार प्रतिबद्ध : भूपेन्द्र यादवहिसार, 14 जून (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश प्रभारी भव्य बिश्नोई ने केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव से मुलाकात करके उनके समक्ष कुछ महत्वपूर्ण बातें रखी। भूपेन्द्र यादव को सौंपे गए पत्र में भव्य बिश्नोई कहा कि हिसार, फतेहाबाद, सिरसा व भिवानी जिले राजस्थान की सीमा से लगते हैं, जो कि शुष्क जलवायु क्षेत्र है। यहां ज्य़ादातर भूमि पानी की कमी से सिंचित नहीं है, जिससे किसानों को पेयजल एवं कृषि कार्यों में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। किसानों को पर्यावरण के अनुकूल आर्गेनिक फार्मिंग के प्रति प्रोत्साहित किया जाए, जिससे क्षेत्र के किसानों की आर्थिक प्रगति भी हो और पर्यावरण का संतुलन भी बना रहे। हमारे देश में एग्रोफोरेस्ट्री (कृषि वानिकी) के प्रति जागरूकता काफी कम है। किसानों को एग्रोफोरेस्ट्री के लाभों और उनके खेत में पेड़ लगाने के फायदों के बारे में स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम चलाए जाने चाहिएं। हरियाणा का फोरेस्ट कवर 3.6 प्रतिशत है, जबकि भारत का कुल वन आवरण 21.7 प्रतिशत है। ऐसे में हरियाणा का फोरेस्ट कवर सबसे कम है। नेशनल एग्रो फोरेस्ट पॉलिसी-2014 को हरियाणा में और ज्य़ादा प्रभावी ढंग से लागू किया जाए, जिसके तहत ग्रामीण परिवारों, विशेष रूप से छोटे किसानों की उत्पादकता, रोजगार, आय और आजीविका में सुधार लाने के लिए फसलों और पशुधन के साथ पूरक और एकीकृत तरीके से वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना और उसका विस्तार करना है। भव्य ने मांग की कि एग्रोफोरेस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर अभियान शुरू किए जाएं, इससे किसानों, पर्यावरण और समाज को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि देश में सोलर कंपनियों,औद्योगिक इकाईयों तथा रिहायशी क्षेत्र विकसित करने के लिए हरे-भरे वृक्षों को ना काटने के कड़े मापदंड बनाए जाएं। मंत्रालय द्वारा हरियाणा, राजस्थान सहित देश के विभिन्न जैव विविधता वाले क्षेत्रों को सामुदायिक संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए, जिससे मानव और प्रकृति का संतुलन बना रहे। लंबे समय से वन्य जी संरक्षण की दिशा में विलक्षण कार्य करने वाले राजस्थानी निवासी राधेश्याम बिश्नोई का हाल ही में सडक़ दुर्घटना में दर्दनाक निधन हो गया था। बहुत ही अल्प आयु में वन्य जीवों की रक्षा में राधेश्याम जी द्वारा किए गए महान कार्य युवाओं को जीव रक्षा की दिशा में सदैव पे्ररणा देता रहेंगे। आपसे अनुरोध है कि राधेश्याम के सम्मान में जैसेलमेर के गांव धोलिया में एक वन्य जीव बचाव केन्द्र स्थापित किया जाए तथा उन्हें मरणोपरांत अमृता देवी बिश्नोई वन्यजीव संरक्षण पुरस्कार देने के लिए राजस्थान सरकार को अनुशंसा की जाए, ताकि जीव रक्षा प्रेमियों को प्रेरणा मिल सके।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर