Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
रुड़की, 13 जून (हि.स.)।
रुड़की समेत पूरे हरिद्वार जनपद में बीते कई दिनों तक गर्मी ने कहर बरपाया। तापमान 42 डिग्री के पार पहुंच गया था और लू की तेज बौछारों ने आम जनजीवन को प्रभावित किया। अब भले ही शुक्रवार को मौसम कुछ सामान्य दिखाई दे रहा है लेकिन बीते दिनों की भयावह गर्मी ने शहरवासियों खासकर छोटे बच्चों के अभिभावकों को डरा कर रख दिया है।
सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों की तबीयत बिगड़ने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। प्राथमिक स्कूलों से लेकर माध्यमिक विद्यालयों तक, कई अभिभावकों को अपने बच्चों को बीच में ही स्कूल से वापस लाना पड़ा।
रामनगर निवासी गीता देवी, जिनका बेटा कक्षा तीन में पढ़ता है, ने बताया –
बच्चा गर्मी के कारण स्कूल में बेहोश हो गया था। डॉक्टर ने कहा कि लू लगी है। अब तो डर लगता है स्कूल भेजने में।
मंगलौर के सरकारी जूनियर हाईस्कूल के शिक्षक सतीश ने कहा
बच्चे कक्षा में सुस्त हो जाते हैं। पंखे चल रहे हैं पर गर्म हवाएं अंदर तक आ रही हैं। एक बच्चा बेहोश हुआ तो हमें तत्काल परिजनों को बुलाना पड़ा।
भीषण गर्मी में छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता तेजी से प्रभावित होती है। डॉ. आर. सिंह के अनुसार –
अभिभावकों को सतर्क रहना चाहिए। स्कूल प्रबंधन को भी समय बदलने,कक्षाएं कम करने या छुट्टियां बढ़ाने पर विचार करना चाहिए।
हालांकि शुक्रवार को मौसम ने थोड़ी राहत जरूर दी, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो अगले कुछ दिनों में फिर से लू चलने की संभावना है। ऐसे में अभिभावकों की मांग है कि शासन-प्रशासन को ग्रीष्मावकाश की अवधि कम से कम एक सप्ताह और बढ़ा देनी चाहिए।
स्थानीय अभिभावक संगठनों ने भी शिक्षा विभाग को ज्ञापन देने की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / Ajay Saini