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रांची, 13 जून (हि.स.)। अहमदाबाद में हुआ विमान हादसा विमानन सुरक्षा में घोर लापरवाही की वजह से हुआ। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से 241 लोगों की असमय मौत हो गई। यह हादसा केंद्र सरकार की संकट प्रबंधन की विफलता का प्रतीक है।
यह बातें आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने शुक्रवार को विज्ञप्ति जारी प्रतिक्रिया देते हुए कही ।
उन्होंने कहा कि हादसे से पहले पायलट की मे-डे कॉल के बावजूद त्वरित कार्रवाई नहीं हुई। बोइंग 787 की तकनीकी खराबी की आशंका रखरखाव में कमी को दर्शाती है। यह सरकार की सुरक्षा नीतियों की विफलता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में हुए कोझिकोड हादसे से भी केंद्र सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। कोझिकोड विमान हादसे में 21लोगों की जान चली गई थी।
जांच में रनवे की खराब स्थिति और सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी उजागर हुई थी, लेकिन सिफारिशें आज तक लागू नहीं हुईं।
नायक ने कहा कि अहमदाबाद हादसे की जांच के लिए एएआईबी और उच्च-स्तरीय समिति गठित की गई, लेकिन पूर्व हादसों की जांच (जैसे कोझिकोड) में देरी और निष्कर्षों को दबाने का इतिहास रहा है। सरकार ने जांच सिफारिशों पर अमल नहीं किया। इससे दोषियों को संरक्षण मिला।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak