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गोरखपुर, 13 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे सिर्फ आवागमन सुगमता में ही मील का पत्थर नहीं बनेगा बल्कि यह औद्योगिक विकास की रफ्तार को भी तेज करेगा। यह एक्सप्रेसवे हजारों करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने में भी मददगार बना है। शानदार कनेक्टिविटी की सौगात देने के फैसले के साथ ही योगी सरकार ने इस लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बसाना शुरू कर दिया था। एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ ही इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (औद्योगिक गलियारा) भी आकार लेता गया। इसका नतीजा यह है कि देश और दुनिया की नामी कंपनियों की दस्तक यहां होने लगी। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे बसे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में हजारों करोड़ रुपये के निवेश और हजारों नौजवानों को रोजगार मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे सिर्फ एक रास्ता नहीं बल्कि पूर्वांचल का औद्योगिक भविष्य भी है।
91 किमी से अधिक लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे बनकर तैयार है और 17 जून को इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों प्रस्तावित है। यह एक्सप्रेसवे रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिहाज से तो बेमिसाल है ही, यह गोरखपुर को केंद्रित करते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश में औद्योगिक प्रगति का सुनहरा अवसर देने का सशक्त माध्यम भी बना है। मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच से जब इस एक्सप्रेसवे के निर्माण को परिकल्पित किया गया तभी इसके समानांतर औद्योगिक गलियारा विकसित करने के विचार को भी मूर्त देने की कार्ययोजना बनी। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने अपने दो महत्वपूर्ण इंडस्ट्रियल सेक्टर (27 और 28) लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर ही विकसित किए हैं।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रगति के साथ ही औद्योगिक प्रगति भी साथ चलती रही। इसका प्रमाण है एक्सप्रेसवे के शुरुआती बिंदु पर ही बहुराष्ट्रीय कंपनी (एमएनसी) पेप्सिको का बॉटलिंग प्लांट। करीब 1100 करोड़ रुपये के निवेश वाले इस प्लांट का शिलान्यास और उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। आज यहां उत्पादन जारी है और बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है। लिंक एक्सप्रेसवे के समीप बसाए गए इंडस्ट्रियल सेक्टर में ही एमएनसी कोका कोला और बिसलेरी ने भी प्लांट लगाने के लिए जमीन की मांग गीडा से की है। जल्द ही उन्हें जमीन मुहैया हो जाएगी।
गीडा की देखरेख में 92 यूनिट्स वाला प्लास्टिक पार्क भी लिंक एक्सप्रेसवे के इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में विकसित हो रहा है। यहां 60 यूनिट्स के लिए जमीन का आवंटन हो चुका है और इनमें से कई के प्लांट का निर्माण जारी है। लिंक एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी ने बड़ी संख्या में निवेशकों को आकर्षित किया है। इसी की देन है कि कपिला कृषि उद्योग, एपीएल अपोलो ट्यूब्स, एसएलएमजी, टेक्नोप्लास्ट सहित करीब सौ उद्योगों के लिए जमीन या तो दे दी गई है, या आवंटन की प्रक्रिया में है। कई इकाइयों के निर्माण हो गए हैं और कुछ के जारी हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय