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पूर्वी सिंहभूम, 13 जून (हि.स.)। साकची थाना परिसर में गुरुवार, 12 जून को किए गए हंगामेदार प्रदर्शन का अंजाम अब प्रदर्शनकारियों पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। करीब 50-60 लोगों के इस उग्र और हथियारबंद जमाव के खिलाफ अब सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पुलिस ने इसे कानून व्यवस्था के खिलाफ गंभीर चुनौती मानते हुए कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। इनमें से अधिकांश प्रर्दशनकारी भाजपा नेता हैं।
थाना प्रभारी इंस्पेक्टर आनंद कुमार मिश्रा ने बताया कि ये प्रदर्शनकारी बिना किसी पूर्व अनुमति या सूचना के थाना गेट पर इकट्ठा हुए और लाउडस्पीकर से नारेबाजी करते हुए सरकारी बैनर को फाड़ डाला। इस बैनर पर थाना परिसर में संचालित विभिन्न कार्यालयों की जानकारी अंकित थी, जिसे सार्वजनिक संपत्ति की श्रेणी में माना जाता है।
प्रदर्शनकारियों में अमित अग्रवाल, राकेश सिंह, सौरभ श्रीवास्तव, दीपल विश्वास, शशांक शेखर, कंचन दत्ता, मोंटी अग्रवाल, गुड्डू सिंह, नवजोत सिंह सोहेल, अभिषेक श्रीवास्तव, रितेश झा, दिलीप पासवान और प्रकाश दुबे सहित अन्य कई नाम सामने आए हैं। ये सभी टाटा मैजिक वाहन में सवार होकर आए थे और लाठी-डंडे एवं अन्य हथियारों से लैस थे।
घटना सरस्वती पूजा 2025 के दौरान काशीडीह में हुई मारपीट से जुड़ी मानी जा रही है। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि उनके लोगों को जेल से रिहा किया जाए, जो कि पुलिस ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद बदले की भावना से इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया गया।
पुलिस के अनुसार, आरोपितों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत बिना अनुमति के जमाव, घातक हथियार रखने, शासकीय कार्य में बाधा डालने, गाली-गलौज, धक्का-मुक्की और लाउडस्पीकर अधिनियम के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच एसआई राजेश कुमार को सौंपी गई है।
थाना प्रभारी ने कहा कि कानून के अनुसार सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इस घटना के बाद थाना परिसर और आस-पास के इलाकों में पुलिस की सतर्कता बढ़ा दी गई है। साथ ही आमजन से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की गई है।
यह प्रदर्शन अब प्रदर्शनकारियों के लिए कानूनी शिकंजे का रूप ले चुका है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि कानून हाथ में लेने वालों को इसका अंजाम भुगतना ही पड़ेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक