केंद्र ने ईवी, हरित ऊर्जा क्षेत्रों के युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए शेल इंडिया के साथ हाथ मिलाया
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के बैठक की जारी फोटो


नई दिल्ली,13 जून (हि.स)। केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और हरित ऊर्जा क्षेत्रों के युवाओं के कौशल विकास के लिए शेल इंडिया के साथ हाथ मिलाया है। इस साझेदारी के तहत देश के चुनिंदा आईटीआई और एनएसटीआई में छात्रों को हरित कौशल और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन कौशल प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि एमएसडीई के तहत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने के लिए शेल इंडिया के साथ हाथ मिलाया है, जो युवाओं को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और हरित ऊर्जा क्षेत्रों के लिए कौशल प्रदान करेगा। यह कार्यक्रम शेल के कार्यान्वयन साझेदार एडुनेट फाउंडेशन द्वारा 5 राज्यों में क्रियान्वित किया जाएगा। इसके जरिए हजारों छात्रों को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और नवीकरणीय ऊर्जा में उद्योग-तैयार कौशल प्रदान किए जाएंगे।

इस अवसर पर केंद्रीय एमएसडीई और शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने कहा कि शेल इंडिया के साथ हमारा सहयोग कौशल को स्थिरता के साथ जोड़ने की सरकार की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हरित ऊर्जा, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और व्यापक जलवायु परिवर्तन केवल पर्यावरणीय अनिवार्यताएं नहीं हैं। वे भारत के लिए नवाचार, प्रतिभा और उद्यम के माध्यम से नेतृत्व करने के लिए एक पीढ़ीगत अवसर का प्रतिनिधित्व करते हैं।

मंत्रालय के अनुसार ग्रीन स्किल्स और ईवी प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को हरित ऊर्जा और ई-मोबिलिटी में भविष्य के लिए तैयार क्षमताओं से लैस करना है। यह पहल ऐसे समय में की गई है जब सरकार अपनी नेट-जीरो महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप हरित ऊर्जा और ईवी अपनाने को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही है।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के प्रशिक्षण महानिदेशालय की महानिदेशक त्रिशालजीत सेठी ने कहा कि शेल इंडिया के साथ यह साझेदारी हमारे आईटीआई और एनएसटीआई में अत्याधुनिक प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे और उद्योग-प्रासंगिक पाठ्यक्रम लाने की दिशा में एक केंद्रित पहल है। वहीं, भारत के हरित अर्थव्यवस्था दृष्टिकोण के अनुरूप यह पहल तेजी से विकसित हो रहे ऊर्जा क्षेत्र में प्रमाणन, नियोजन सहायता और हरित रोजगारों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी।

उल्लेनीय है कि इन राष्ट्रीय प्रयासों को पूरक बनाते हुए दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बदलाव को तेज़ करने, स्थानीय ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने और हरित रोजगारों का सृजन करने के लिए अपनी स्वयं की ईवी नीतियां पेश की हैं। ये विकास हरित ऊर्जा और ईवी क्षेत्रों में कुशल कार्यबल की बढ़ती मांग को रेखांकित करते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर