Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कोलकाता, 13 जून (हि. स.)। बांग्लादेश में 2024 में हुए छात्र आंदोलन में भाग लेने वाले न्यूटन दास का नाम पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची से हटा दिया गया है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने यह निर्णय चुनाव आयोग (ईसीआई) के निर्देश पर विस्तृत जांच के बाद लिया है।
न्यूटन दास, जो भारत और टबांग्लादेश की दोहरी नागरिकता रखते हैं, दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप विधानसभा क्षेत्र में एक पंजीकृत मतदाता थे। बताया गया है कि वे पिछले वर्ष बांग्लादेश में छात्र आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे। जब सोशल मीडिया पर उनकी उस आंदोलन में भागीदारी की तस्वीरें सामने आईं, तो इस पर सवाल उठने लगे। कुछ व्हिसलब्लोअर्स ने दावा किया कि न्यूटन के पास दोनों देशों के मतदाता पहचान पत्र हैं।
मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय ने पहले काकद्वीप के सब-डिविजनल ऑफिसर से रिपोर्ट मंगवाई, लेकिन उस रिपोर्ट से संतुष्ट न होने पर दूसरी रिपोर्ट की मांग की गई। दोनों रिपोर्टों के आधार पर विस्तृत अध्ययन करने के बाद अंततः न्यूटन दास का नाम मतदाता सूची से हटाने का निर्णय लिया गया।
न्यूटन के चचेरे भाई तपन दास, जो स्वयं भी काकद्वीप क्षेत्र के पंजीकृत मतदाता हैं, उन्होंने जांच अधिकारियों और मीडिया से बातचीत में यह पुष्टि की कि न्यूटन के पास भारत और बांग्लादेश दोनों जगहों के वोटर कार्ड हैं।
हालांकि न्यूटन दास ने बांग्लादेश की नागरिकता रखने के आरोपों से इनकार किया, लेकिन उन्होंने यह माना कि वे 2024 में बांग्लादेश गए थे।
उनका दावा है कि वे वहां अपने पुश्तैनी संपत्ति से जुड़े मामलों को सुलझाने गए थे और उसी दौरान छात्र आंदोलन में शामिल हो गए। उन्होंने बताया कि वे 2014 से काकद्वीप विधानसभा के मतदाता हैं और उस वर्ष लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने मतदान किया था। वर्ष 2017 में उनका वोटर कार्ड खो गया था, जिसके बाद 2018 में उन्हें नया ईपीआईसी कार्ड जारी किया गया।
न्यूटन ने यह भी स्वीकार किया कि तृणमूल कांग्रेस के काकद्वीप विधायक मंटूराम पाखिरा ने उन्हें नया कार्ड बनवाने में मदद की थी।
इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी की बंगाल इकाई ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा का कहना है कि न्यूटन दास का मामला उनके लंबे समय से लगाए जा रहे इस आरोप को पुष्ट करता है कि तृणमूल कांग्रेस और राज्य प्रशासन जानबूझकर बांग्लादेशी नागरिकों को बंगाल की वोटर लिस्ट में शामिल कर रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर