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—निष्कासित शिक्षकों ने प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय जनसम्पर्क कार्यालय में दिया ज्ञापन
वाराणसी,13 जून (हि.स.)। अग्रसेन कन्या पीजी कालेज प्रबंधन ने 40 महिला अध्यापिकाओं और कर्मचारियों को सेवा से अचानक मुक्त ( निष्काषित) कर दिया है। नाराज अध्यापिकाओं ने प्रबंधन पर मनमानी करने का आरोप लगा शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुरूधाम जवाहर नगर स्थित संसदीय जनसम्पर्क कार्यालय में ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई। महिला शिक्षकों ने आरोप लगाया कि कालेज प्रबंधन ने बिना अग्रिम नोटिस दिए उन्हें निष्कासित किया है।
शिक्षकों के अनुसार वे 20 से 25 वर्षों से महाविद्यालय में शिक्षण कार्य कर रहे थे, लेकिन हाल के वर्षों में कॉलेज प्रशासन की नीतियों में भारी मनमानी और वित्तीय अनियमितताएं देखी गईं। पिछले ढाई महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला, जिससे उनके सामने परिवार चलाने और बच्चों की पढ़ाई जैसी मूलभूत जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो गया है।
ज्ञापन के जरिए आरोप लगाया कि कालेज की प्रबंध समिति ने दोषारोपण करते हुए उन्हें छात्राओं की घटती संख्या के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया, जबकि वास्तव में प्रवेश संख्या में कमी का कारण प्रशासन की नीतियां और सुविधाओं का व्यावसायिक उपयोग है। शिक्षकों का कहना है कि सेवा समाप्ति का पत्र उन्हें व्हाट्सएप पर भेजा गया, जो न केवल नियम विरुद्ध है, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी प्रताड़ित भी करता है।
शिक्षकों ने कॉलेज प्रशासन पर बिना टेंडर एजेंसी से कार्य कराने, तिगुनी कीमत पर परीक्षा सामग्री छपवाने और वित्तीय दोहन जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। ज्ञापन के जरिए मांग किया गया है कि वित्तीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए और सेवा से निष्कासित शिक्षकों को पुनः बहाल किया जाए।
उधर,कालेज प्रबंधन का शिक्षकों को सेवा से मुक्त करने का एक लेटर भी वायरल हो रहा है। जिसमें कालेज प्रबंधक डॉ मधु अग्रवाल ने हटाए गए प्रवक्ताओं को सूचित किया हैं कि आप अनानुमोदित प्रवक्ता के रूप में अद्वयतन सहयोग प्रदान कर रही है। उच्चतर शिक्षा आयोग के विज्ञापन संख्या 47 के द्वयारा विषय में रिक्त पदों के प्रति प्राध्यापकों की पूर्ति हो चुकी है। जिस कारण से विषयवार प्रति शिक्षक वर्कलोड बहुत ही कम हो गया है।विषय में घटती हुई छात्र संख्या के सापेक्ष घटती हुई आय के दृष्टिगत दिनांक 27 मई 2025 को सम्पन्न प्रबंध समिति की बैठक के कार्यवृत्त संख्या 1 (डी) के निर्णयानुसार महाविद्यालय के लिए माह जुलाई से आपका सहयोग हेतु आहूत करना आर्थिक दृष्टि से कालेज के हित में नही हागा। अत: प्रबंध समिति ने आपकी सेवाओं को माह जुलाई 2025 से समाप्त करने का निर्णय लिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी