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जोधपुर, 12 जून (हि.स.)। विश्व हिन्दू परिषद जोधपुर प्रान्त के प्रशिक्षण वर्ग में गुरुवार काे सामाजिक समरसता विषय पर आयोजित बौद्धिक सत्र में प्रान्त सह मंत्री महेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि हिन्दू समाज में व्याप्त जाति, मत, पंथ के भेदभाव को समाप्त कर सबको समान भाव से देखना ही सामाजिक समरसता है, और यही भाव हमारे सनातन धर्म का मूल तत्व है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता केवल एक नारा नहीं, बल्कि राष्ट्र की अखंडता, सुरक्षा और स्थायित्व का आधार है। जब तक समाज में आपसी भेदभाव, छुआछूत व अश्पृश्यता का भाव रहेगा, तब तक हम एक शक्तिशाली समाज एवं राष्ट्रनहीं बन सकते। उन्होंने कहा कि छूआछूत, जाति भेद इस्लामिक आक्रमण की देन है, यह हिन्दू जीवन पद्वति का भाग नहीं है क्योकि हिन्दू तो प्राणी मात्र में ईश्वर को देखता है यही हमारा दर्शन है।
हमारे वेदों, पुराणों, उपनिषदों सहित विविध धर्मग्रंथों में इसका कोई उल्लेख नहीं है वामपंथियों द्वारा इनकी गलत व्याख्या प्रस्तुत कर इसे हमारी धार्मिक परंपरा का हिस्सा बताने का षड्यंत्र रचा गया है जिससे कि समाज टूटे व कमजोर हो। विश्व हिन्दू परिषद अपनी स्थापना काल से ही सामाजिक समरसता के लिए कार्यरत है, और इसके लिए अनेक आंदोलन, जनजागरण अभियान और संतों के माध्यम से समाज को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य निरंतर किया है।
उपाध्याय ने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे अपने आचरण से समाज में समरसता का वातावरण निर्मित करें। हिन्दू समाज एक है, एक रहेगा, यही हमारा संकल्प होना चाहिए। सत्र के प्रारम्भ में वर्गाधिकारी सुरेश कुमार ने अतिथि का परिचय दिया तथा वर्ग सह बौद्धिक प्रमुख भूपेश वैष्णव ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर प्रान्त, विभाग एवं जिला पदाधिकारी, वर्ग व्यवस्था में लगे शिक्षक व प्रबंधक भी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश