दुश्मनों की कमर तोड़ने को यूएवी 'रुद्रास्त्र' तैयार, पोखरण फायरिंग रेंज में दिखाई ताकत
हाइब्रिड वीटीओएल यूएवी रुद्रास्त्र (फाइल फोटो)


- डेढ़ घंटे में 170 किमी से अधिक दूरी तक जाकर मजबूत परिचालन क्षमता का प्रदर्शन किया

नई दिल्ली, 12 जून (हि.स.)। सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (एसडीएएल) ने पोखरण फायरिंग रेंज में अपने हाइब्रिड वीटीओएल यूएवी रुद्रास्त्र के परीक्षण पूरे कर लिए हैं। यह परीक्षण भारतीय सेना ने निर्धारित प्रदर्शन मापदंडों के अनुरूप किये, जिसमें वर्टिकल टेक ऑफ लैंडिंग शामिल थी। यूएवी ने डेढ़ घंटे में 170 किमी से अधिक दूरी तक जाकर मजबूत परिचालन क्षमता का प्रदर्शन करके मूल लॉन्च बिंदु पर सफलतापूर्वक वापस लौटा।

भारत ने रक्षा प्रौद्योगिकी में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (एसडीएएल) ने हाइब्रिड वर्टिकल टेक ऑफ एंड लैंडिंग यूएवी 'रुद्रास्त्र' विकसित किया है। एसडीएएल ने यूएवी के परीक्षण 11 जून को राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में किये। यह परीक्षण भारत की सैन्य शक्ति को मजबूत करने और क्षेत्रीय चुनौतियों, विशेष रूप से पाकिस्तान के खिलाफ एक कड़ा जवाब देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। परीक्षण के दौरान सटीक निर्देशित एंटी पर्सनल वारहेड की भी तैनाती की गई थी।

परीक्षण के दौरान मध्यम ऊंचाई से गिराए जाने पर गोला-बारूद ने कम ऊंचाई पर विस्फोट किया, जिसने सामरिक प्रभावशीलता बेंचमार्क को पूरा किया। यह सफल प्रदर्शन भारत की स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों की खोज में प्रमुख मील का पत्थर और आत्मनिर्भर पहल के तहत स्वदेशी सैन्य तकनीक को सुदृढ़ बनाने के भारत के प्रयासों में एक बड़ा कदम है। मिशन की बहुमुखी स्थितियों को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए यूएवी रुद्रास्त्र ने अपनी प्रमुख विशेषताओं को प्रदर्शित किया, जिसमें वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग, विस्तारित उड़ान रेंज, रियल टाइम निगरानी और सटीक निशाना शामिल है।

यूएवी रुद्रास्त्र वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग में माहिर है, जिसकी 170 किलोमीटर से अधिक की रेंज है और सटीक लक्ष्य को भेदने में कारगर है, जो इसे युद्ध के मैदान में एक शक्तिशाली हथियार बनाता है। रुद्रास्त्र अपने वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग क्षमता के कारण दुर्गम इलाकों में भी प्रभावी ढंग से परिचालन कर सकता है। यह ड्रोन भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो डीआरडीओ के रूस्तम कार्यक्रम के साथ मेल खाता है, जिसने 180-220 हॉर्सपावर के स्वदेशी इंजनों के साथ इसी साल फरवरी में ट्रायल पूरे किए हैं।--------------------------

हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम