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शिमला, 12 जून (हि.स.)। राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जनशिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने शुक्रवार को यहां आगामी सेब सीजन की तैयारियों को लेकर आयोजित अहम बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्पष्ट किया कि इस वर्ष सेब पेटियों की अनुमानित संख्या जारी नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर साल पेटियों की संख्या का पूर्व अनुमान बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और इससे बागवानों को सीधा नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने यह भी बताया कि अगले वर्ष से यह गणना वैज्ञानिक पद्धति से की जाएगी ताकि वास्तविकता के करीब आंकड़े सामने आ सकें और बाजार में पारदर्शिता बनी रहे।
बैठक में सेब सीजन के दौरान पेश आने वाली समस्याओं और उनके समाधान को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। समस्याओं के समाधान के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए दो उप-समितियों (सब-कमेटियों) के गठन का निर्णय लिया गया। पहली कमेटी एपीएमसी एक्ट-2005 को सख्ती से लागू करने पर कार्य करेगी, जबकि दूसरी समिति उत्पादन, उत्पादकता, नर्सरी विकास, अनुसंधान और बागवानों की समस्याओं पर फोकस करेगी। साथ ही एसआईटी गठन पर भी विचार किया गया है।
बैठक में बड़े कोल्ड स्टोरेज की बजाय छोटे सीए स्टोर बनाने पर सहमति बनी। इन स्टोर्स में आधुनिक ग्रेडिंग और सॉर्टिंग मशीनें लगाई जाएंगी, जिससे हिमाचल के सेब अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे। छोटे सीए स्टोर गांव-गांव तक बनाए जा सकेंगे, जिससे न सिर्फ बागवानों को सुविधा मिलेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
बागवानी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सेब कारोबारियों के लाइसेंस मार्केट यार्ड के बाहर डिजिटल रूप में प्रदर्शित किए जाएं और नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि सेब की तौल केवल 22 किलोग्राम के यूनिवर्सल कार्टन में ही की जाएगी और अधिक वजन पाए जाने पर माल ज़ब्त कर चालान किया जाएगा।
बागवानों को अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से मंत्री ने यूरोप की तर्ज पर को-ऑपरेटिव सोसायटी के माध्यम से फसल बेचने का सुझाव दिया, जिससे उन्हें बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और बेहतर मूल्य मिल सकेगा।
बैठक में यह भी तय हुआ कि सेब सीजन के दौरान सभी संबंधित विभागों, जिला प्रशासन, पुलिस, लोक निर्माण विभाग और एपीएमसी के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा। यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए पुलिस द्वारा विशेष मानक संचालन प्रक्रिय भी तैयार की जाएगी।
बैठक में बागवानी संगठनों के प्रतिनिधियों ने आयात शुल्क में संभावित कमी को लेकर चिंता जताई और इसे राज्य के सेब उत्पादकों की आर्थिकी के लिए गंभीर खतरा बताया। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस मुद्दे को केंद्र के समक्ष मजबूती से उठाने की मांग की। मंत्री ने उन्हें हरसंभव समर्थन का आश्वासन दिया।
बैठक में बागवानी विभाग के अधिकारी, सेब कारोबार से जुड़े विभिन्न संगठन और एपीएमसी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा