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-मुआवजा वितरण के लिए डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाए
-वन भूमि हस्तान्तरण और अन्य प्रकरणों पर कुल 25 निर्णयों पर अनुमोदन
देहरादून, 12 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नवाचार पर जोर देते हुए कहा कि उत्तराखंड वनों की बहुलता वाला प्रदेश है, इसलिए वन संपदाओं को आर्थिकी से जोड़ने के प्रयास किया जाए। ईकोलॉजी और ईकोनॉमी में संतुलन बनाते हुए आगामी 10 सालों के लिए विस्तृत प्लान तैयार करें। साथ ही वन क्षेत्रों के आस-पास ईको-टूरिज्म की गतिविधियों को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
गुरूवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में वन्यजीव बोर्ड की 21 वीं बैठक आयोजित की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को वनों के संरक्षण के साथ ही वन संपदाओं को लोगों की आजीविका से जोड़ने की दिशा में विशेष प्रयास करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को कम करने के साथ ही ऐसी घटनाओं में त्वरित मुआवजा वितरण के लिए डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में जू एण्ड सफारी के निर्माण कार्य में तेजी लाने को कहा। उन्होंने कहा कि वन विश्राम भवनों का रख-रखाव पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए राजस्व बढ़ाने के प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री ने चौरासी कुटिया के जीर्णोधार से संबंधित कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन संपदाओं को आर्थिकी से जोड़ने के लिए वन विभाग और वित्त विभाग बैठक करें। महासीर के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास करने को कहा।
बैठक में संरक्षित क्षेत्रों के अन्तर्गत एवं संरक्षित क्षेत्रों के 10 किमी. परिधि में आने वाले वन भूमि हस्तान्तरण एवं अन्य प्रकरणों पर कुल 25 निर्णयों पर अनुमोदन दिया गया। जिन्हें राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड को भेजा जायेगा। बैठक में श्री रूद्रनाथ यात्रा मार्ग को ई.डी.सी के माध्यम से संचालित करने और केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग, गोपेश्वर के क्षेत्रान्तर्गत मिनी ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर की स्थापना के लिए भी सैद्धांतिक सहमति दी गई।
विगत 03 वर्षों में 75 हजार से अधिक बंदरों का बंध्याकरण:
बैठक में बताया गया कि 20 वीं बोर्ड बैठक से अब तक राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की ओर से उत्तराखंड की महत्वपूर्ण 22 परियोजनाओं पर सहमति दी जा चुकी है। विगत 03 वर्षों में 75 हजार से अधिक बंदरों का बंध्याकरण किया जा चुका है। इस वर्ष 27 वन प्रभागों में 40 हजार बंदरों के बंध्याकरण का लक्ष्य रखा गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 19.55 करोड़ रूपये का मुआवजा प्रदान किया गया। वर्ष 2024 के अन्तर्गत राज्य में चार नये ईको पर्यटन जोन प्रारंभ किए गए हैं।
नये डेस्टिनेशन विकसित करने की दिशा में कार्य करने होंगे:
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड जैव विविधता की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। वन संपदाओं के सही उपयोग और इसे लोगों की आजीविका से जोड़ने की दिशा में निरंतर कार्य करने की जरूरत है। हमें नये डेस्टिनेशन विकसित करने की दिशा में कार्य करने होंगे।
बैठक में विधायक बंशीधर भगत, दीवान सिंह बिष्ट, प्रमुख सचिव वन आर.के सुधांशु, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख वन संरक्षक डॉ.धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव आर.के.मिश्रा, सचिव बी.वी.आर.सी.पुरूषोत्तम, नीरज खैरवाल और सबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार