संकल्प से सिद्धि’ का अनुपम उदाहरण है गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे
*जहां सड़क बनाना कठिन था, वहां योगी सरकार ने बना दिया एक्सप्रेसवे*


*जहां सड़क बनाना कठिन था, वहां योगी सरकार ने बना दिया एक्सप्रेसवे*


17 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण

91.35 किमी लंबे एक्सप्रेसवे के निर्माण पर आई है 7283.28 करोड़ रुपये की लागत

गोरखपुर, 12 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास कार्यों की चर्चा करते हुए प्रायः एक मंत्र का स्मरण कराते हैं। वह मंत्र है ‘संकल्प से सिद्धि’। यानी दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कठिन से कठिन कार्य भी करके दिखाया जा सकता है। इस लिहाज से 17 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों लोकार्पित होने जा रहा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे भी ‘संकल्प से सिद्धि’ की मिसाल है।

लो लैंड के कारण जहां सामान्य सड़क बनाना ही कठिन था, वहां योगी सरकार ने एक्सप्रेसवे बना दिया है। यूं तो यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से आजमगढ़ के बीच चार जिलों से गुजरता है लेकिन इसकी कनेक्टिविटी से राजधानी लखनऊ की राह भी और आसान हो रही है। रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की इस शानदार सौगात का नाम है गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे।

प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने पर लगातार काम कर रही योगी सरकार 17 जून को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर आवागमन की पूर्ण सुविधा के साथ इसका लोकार्पण करने को तैयार है। इस एक्सप्रेसवे से गोरखपुर क्षेत्र, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के माध्यम से लखनऊ, आगरा एवं दिल्ली तक त्वरित एवं सुगम यातायात कॉरिडोर से जुड़ रहा है।

कहां से शुरू होकर कहां पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से मिलेगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर बाईपास एनएच- 27 ग्राम जैतपुर के पास से प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर जनपद आजमगढ़ के सालारपुर में समाप्त हो रहा है। यह यूपी एक्‍सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) की फ्लैगशिप परियोजना है।

91.35 किमी लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की अद्यतन कुल लागत 7283.28 करोड़ रुपये (भूमि अधिग्रहण पर व्यय समेत) है। इससे जनपद गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़ सीधे तौर पर लाभान्वित हुए हैं। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे तीव्र संपर्क तथा बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करेगा। साथ ही साथ संबंधित क्षेत्र के जनमानस को भी एक दूसरे के और निकट लाने में मदद करेगा।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण का कार्य अत्यंत दुरूह था। कारण, गोरखपुर जिले में जितनी भी दूरी इस एक्सप्रेसवे के दायरे में आती है, वह लो लैंड वाला है। यहां सामान्य सड़क भी हर साल क्षतिग्रस्त हो जाती थी। ऐसे में एक्सप्रेसवे के लिए मिट्टी भराई करना चुनौतीपूर्ण कार्य था। पर, सीएम योगी के निर्देश पर प्रशासन के अफसरों ने इस चुनौती को भी सफलतापूर्वक निपटा दिया है। अब जबकि एक्सप्रेसवे बनकर तैयार है, अधिकारी अपनी मेहनत पर संतोष व्यक्त कर रहे हैं।

गोरखपुर से सिर्फ तीन घंटे दूर होगा लखनऊ

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे होते हुए लोगों को गोरखपुर से लखनऊ पहुंचने में महज साढ़े तीन घंटे का समय लगेगा। इसके अलावा इसकी कनेक्टिविटी से लोग दिल्ली से लेकर आगरा तक के शानदार सफर का आनंद ले सकेंगे। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से गोरखपुर क्षेत्र के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत, समय की बचत एवं पर्यावरणीय प्रदूषण का नियंत्रण भी संभव हो सकेगा। इस एक्सप्रेसवे से अच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेसवे से अच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन इकाइयों, विकास केंद्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा। एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ योगी सरकार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी बना रही है।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे : एक नजर में

प्रारंभ बिंदु : जैतपुर (गोरखपुर)

अंतिम बिंदु : सालारपुर (आजमगढ़) में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से कनेक्ट

कुल लंबाई : 91.35 किमी

कुल लागत (भूमि लागत सहित) : 7283 करोड़.28 लाख

एक्सप्रेसवे में पड़ने वाले जिले : गोरखपुर, सन्तकबीरनगर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़

ढांचागत विशेषताएं

-पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित फोरलेन (सिक्सलेन में विस्तारणीय)

-9 टोल प्लाजा/रैम्प प्लाजा

-9 रैम्प (चढ़ने-उतरने के लिए)

-2 जनसुविधा परिसर

-2 टॉयलेट ब्लॉक

-7 फ्लाईओवर

-8 बड़े पुल

-14 छोटे पुल

-49 पैदल अंडरपास

-55 लघु वाहन अंडरपास

-20 वाहन अंडरपास

-01 वाहन ओवरपास

हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय