दक्षिण बंगाल में भीषण गर्मी, उत्तर में बारिश के आसार
बारिश


कोलकाता, 12 जून (हि.स.) ।दक्षिण-पश्चिम मानसून में एक सप्ताह की सुस्ती के बाद मौसम विभाग ने फिर से हलचल के संकेत दिए हैं। बंगाल की खाड़ी में बना नया सिस्टम मानसूनी हवाओं को दोबारा गति देने में सहायक हो सकता है।

पिछले कुछ दिनों से देश भर में दक्षिण-पश्चिम मानसून लगभग स्थिर था। हालांकि, अब मौसम विज्ञान विभाग ने जानकारी दी है कि आंध्र प्रदेश तट के पास बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य भाग में एक चक्रवातीय परिसंचरण (सर्कुलेशन) विकसित हुआ है, जिससे मानसूनी हवाओं में दोबारा गतिविधि देखने को मिल रही है।

गौरतलब है कि इस वर्ष मानसून सामान्य तिथि एक जून से पहले ही, 24 मई को केरल पहुंच गया था। इसके बाद 29 मई को यह तेज़ी से उत्तर बंगाल तक भी पहुंच गया, लेकिन इसके बाद पूरे देश में इसकी रफ्तार धीमी हो गई और पिछले करीब एक सप्ताह से मानसून लगभग ठप पड़ा था।

विभाग ने बताया है कि इसकी वजह से दक्षिण बंगाल में चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी से लोगों का हाल-बेहाल रहेगा। जबकि उत्तर बंगाल में बारिश का सिलसिला जारी रहने वाला है।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में मानसून की आमद चरणबद्ध होती है और यह लगातार प्रवाह में नहीं आता। दक्षिण से आने वाली नम हवाएं समुद्री सिस्टम्स के प्रभाव में ही आगे बढ़ पाती हैं। पहले दौर के बाद यदि समुद्र में कोई नया सिस्टम न बने, तो मानसून की गति थम जाती है। आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र में बने इस नए सिस्टम के कारण अब मानसूनी हवाओं के फिर से सक्रिय होने की संभावना बढ़ी है।

इस सुस्ती के कारण देशभर में अब तक औसत बारिश मात्र 26.4 मिलीमीटर हुई है, जबकि सामान्य औसत 40.1 मिलीमीटर होती है। पूर्वी भारत में भी 93.3 मिलीमीटर की अपेक्षा केवल 71.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर