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पूर्वी सिंहभूम, 12 जून (हि.स.)। देश के प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट(एक्सएलआरआई) में आज सीएक्सओ सीरीज़ के अंतर्गत एक प्रेरणादायक व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर नेस्ले इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेश नारायणन ने छात्रों को “संकट के समय नेतृत्व” विषय पर अपने अनुभव साझा किए।
नारायणन ने कहा कि संकट में नेतृत्व की असली परीक्षा होती है।
संकट चरित्र नहीं बनाता, वह उसे उजागर करता है। उनका यह वक्तव्य छात्रों के लिए एक जीवनमूल्य जैसा प्रतीत हुआ। उन्होंने बताया कि विपरीत परिस्थितियां व्यक्ति के नेतृत्व कौशल और मूल्यों की असली परीक्षा होती हैं। यह सत्र सिर्फ एक कॉरपोरेट भाषण नहीं रहा, बल्कि नेतृत्व, नैतिकता और निर्णयन की गहराइयों में उतरने का अवसर बना।
कार्यक्रम का भावनात्मक क्षण तब आया जब दीप प्रज्वलन से पहले नारायणन ने मंच पर चढ़ने से पहले अपने जूते उतार दिए। यह विनम्रता और आयोजकों के प्रति सम्मान का प्रतीक था, जो छात्रों और शिक्षकों दोनों को गहराई से छू गया।
उन्होंने वर्ष 2015 में मैगी संकट के समय नेस्ले इंडिया को स्थिर और दूरदर्शी नेतृत्व प्रदान करने के अपने अनुभव साझा किए। जब मैगी पर संकट छाया था, तब युवाओं के साथ उसके भावनात्मक जुड़ाव को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कंपनी के पुनर्निर्माण की एक रणनीतिक और संवेदनशील योजना तैयार की।
अपने व्याख्यान में उन्होंने नेतृत्व के छह अहम सिद्धांतों की व्याख्या की और यह बताया कि किसी भी संकट में एक लीडर को स्पष्टता, तथ्यों पर आधारित निर्णय, जिम्मेदारी, रणनीति, मूल्यांकन और तर्कशील नेतृत्व जैसे मूल सिद्धांतों को अपनाना चाहिए।
सत्र के अंत में एक्सएलआरआई प्रबंधन ने सुरेश नारायणन को धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि उनका अनुभव छात्रों के लिए मूल्य-आधारित नेतृत्व की एक जीवंत पाठशाला के समान रहा। संस्थान ने यह भी दोहराया कि वह ऐसे नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है जो सत्य, संवेदना और उद्देश्य से जुड़ा हो।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक