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पहले चरण में लगेंगे 41 बोरवेल
वाराणसी,12 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जल संरक्षण के लिए प्रेरणादायक आदर्श वाक्य जहां भी जल गिरे, उसे संजोएं को बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका)ने आत्मसात करने का संकल्प लिया है। बरेका ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाते हुए वर्षा जल संचयन के लिए 150 बोरवेल निर्माण का लक्ष्य रखा है।
देशभर के सार्वजनिक उपक्रमों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बनने के लिए बरेका ने गिरते जल स्तर को थामने के लिए पहल की है। इस दिशा में पहले चरण में 41 बोरवेल के निर्माण की योजना बनाई गई थी, जिनमें से 33 बोरवेल पूर्ण हो चुके हैं तथा शेष बचे बोरवेल कार्य प्रगति पर हैं और शीघ्र ही पूर्ण कर लिए जाएंगे।
महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह के अनुसार इस समग्र प्रयास से अनुमानतः प्रति वर्ष लगभग 280 मिलियन लीटर वर्षा जल का संचयन किया जा सकेगा, जिससे बरेका परिसर का भूजल स्तर उल्लेखनीय रूप से सुधरेगा। यह कार्य न केवल बरेका के जल संरक्षण अभियान को मजबूती देगा, बल्कि ‘हरित बरेका-स्वच्छ बरेका’ के विजन को भी साकार करेगा।
रिचार्ज कुओं के निर्माण से जल स्तर को मिलेगा संबल
इस वर्ष बरेका में 10 गहरे रिचार्ज कुओं सहित कुल 43 रिचार्ज कुओं का निर्माण किया गया है। यह पहल गिरते जल स्तर को थामने के लिए एक व्यावहारिक समाधान प्रदान करती है। इससे वर्षा जल सीधे भूगर्भ में समाहित होकर जल भंडारण को समृद्ध करेगा। “कैच द रेन” अभियान को मूर्त रूप देने के साथ जल-संपन्न भारत की दिशा में सार्थक योगदान भी दिया जा रहा है।
जल शुद्धिकरण में भी बरेका की भूमिका महत्वपूर्ण
पर्यावरणीय संतुलन के लिए बरेका में 1980 के दशक से ही दो प्रमुख जल शोधन संयंत्र (ट्रीटमेंट प्लांट) कार्यरत हैं। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) 12 एमएलडी क्षमता के साथ मानव अपशिष्ट जल को शुद्ध करने के लिए इंडस्ट्रियल एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट क्षमता के साथ औद्योगिक अपशिष्ट, विशेषकर पेट्रोलियम और लुब्रिकेंट्स के लिए। बरेका से निकलने वाला कोई भी सीवेज जल, उपचारित हो या अनुपचारित, गंगा नदी में नहीं छोड़ा जाता। पूरे परिसर में जल संरक्षण, पर्यावरणीय शुद्धता और हरित तकनीकों के समावेश से बरेका सतत विकास की मजबूत नींव रखी जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी