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—देश विदेश में बसे सिंधी समाज के गोसेवा अभियान से जुड़ने सम्बन्धी पुस्तिका का शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने किया विमोचन
वाराणसी,12 जून (हि.स.)। ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से गुरूवार को सिंधी समाज के धर्मगुरु साईं जलकुमार मसंद साहिब ने केदारघाट स्थित श्री विद्यामठ में मुलाकात की। गौमाता के प्राणों की रक्षा व उनको राष्ट्रमाता घोषित कराने के लिए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के चलाए जा रहे गौमाता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आंदोलन को सिंधी संत ने अपना समर्थन दिया। संत के साथ आए सिंधी समाज के पंचायतों ने गौमाता आंदोलन के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया। समाज के लोगों ने देश विदेश में रह रहे समस्त सिंधी समाज के लोगों को शंकराचार्य के गौरक्षा अभियान से जोड़ने का संकल्प भी लिया।
श्री विद्यामठ में आहूत सिंधी समाज के इस आयोजन के दौरान शंकराचार्य ने धर्मगुरु साईं जलकुमार मसंद साहिब द्वारा रचित गौ प्रतिष्ठा अभियान नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया। इस अवसर पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि आज हम लोग गौमाता के प्रतिष्ठा के संदर्भ में चिंतन कर रहे हैं। जिस प्रकार प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व व पश्चात किसी मन्दिर में उल्लेखनीय अंतर आ जाता है। ठीक उसी प्रकार गौमाता को राष्ट्रमाता के रूप में प्रतिष्ठित कराने के बाद उनके स्थिति में अंतर आ जाएगा। अलग —अलग मंदिरों में अलग —अलग देवी देवताओं के विग्रह प्रतिष्ठित हैं । लेकिन किसी भी मंदिर में 33 कोटि देवी देवता प्रतिष्ठित नही हैं। लेकिन हमारे पूर्वजों ने गौमाता में 33 कोटि देवी देवताओं की प्रतिष्ठा की। इसलिए आज भी हमारे घरों में पहली रोटी गाय को समर्पित कर यह माना जाता है कि 33 कोटि देवी देवताओं को भोग लग गया। हमें देशी नस्ल के गायों की पहचान कर अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए उनकी रक्षा करनी होगी।
धर्मगुरु साईं जलकुमार मसंद साहिब ने कहा कि हमारा पीठ 400 वर्ष से सिंधी समाज का कुलगुरु है। और हम जब शंकराचार्य महाराज को और उनके द्वारा किए जा रहे धर्मकार्यों को देखते हैं तो प्रत्यक्ष अनुभव होता है कि ईश्वर ने शंकराचार्य महाराज को अपने प्रतिनिधि के रूप में हम सबके मध्य भेजा है। महाराज जी द्वारा धर्म रक्षा के लिए अनेक कार्यों के साथ गौमाता के प्राणों की रक्षा के लिए चलाए जा रहे आंदोलन से यह बात सिद्ध भी हो जाती है। और आज संकल्पपूर्वक हम समस्त सिंधी समाज के लोग शंकराचार्य के गौरक्षा आंदोलन के प्रति स्वयं समर्पित कर रहे हैं । और आजीवन शंकराचार्य के समस्त धर्मकार्यों में बढ़चढ़कर अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अनिरुद्ध मिश्रा ने वैदिक मंगलाचरण और कृष्ण कुमार द्विवेदी ने पौराणिक मंगलाचरण का वाचन किया।
कार्यक्रम में श्री प्रकाश पाण्डेय ने नैया फंसी भंवर में सूझे नही किनारा गुरुवर तेरा सहाराभजन सुनकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। अतिथियों का स्वागत व आभार अभिभाषण शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम में साध्वी पूर्णाम्बा दीदी,ब्रम्ह्चारी परमात्मानंद,हासानंद बदलानी मुखिया शिव शक्ति सिंधी पंचायत, देवेंद्र डोडवानी मुखिया अशोक नगर सिंधी पंचायत,कुमार सचदेवा उपाध्यक्ष आलिवाण पंचायत,अशोक खट्टर मुखिया सिंधी पंजाबी पंचायत,सतीश छाबड़ा अध्यक्ष भारतीय सिंधु सभा एवं सचिव लक्सा सिंधी पंचायत,दिलीप ईसरानी अध्यक्ष संत बीरबल दास सेवा समिति,सुरेश वाद्यया उपाध्यक्ष भारतीय सिंधु सभा, जय लालवानी जी अध्यक्ष संत कंवर राम युवा समिति,सुनील वाद्यया जी उपाध्यक्ष संत असुदाराम सेवा समिति,जय प्रकाश बालानी जी कोषाध्यक्ष रेड क्रास सोसाइटी,कमल लखमानी उपाध्यक्ष रामापुरा पंचायत, झूलेलाल भक्त सेवा समिति महिला मंडल जया रत्नानी, अमृता अठवानी,मोनिका अठवानी,सोनी लखमानी के अलावा डॉ यतीन्द्रनाथ चतुर्वेदी आदि भी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी