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कठुआ 12 जून (हि.स.)। इंडियन पब्लिक स्कूल किड्जी कठुआ के समर कैंप में आकर्षक गतिविधियों का सिलसिला 4थे दिन भी जारी रहा। छात्रों ने पारंपरिक डोगरी व्यंजनों और उनकी तैयारी के तरीकों के बारे में सीखा और डोगरी भाषा में मात्राओं (स्वर चिह्नों) का उपयोग करके अभ्यास किया।
समर कैंप के 4थे दिन कैंप के प्रशिक्षकों ने छात्रों को पारंपरिक डोगरी व्यंजनों और उनकी तौर-तरीकों के बारे में सीखाया। वहीं बच्चों ने डोगरी पारंपरागत तरीके से डोगरी व्यंजनों का सेवन किया, जिसे डोगरी में धाम कहा जाता है। हालांकि यह परंपरा अब दूरदराज गांव तक ही सीमित रह गई है। इसी प्रकार बच्चों ने डोगरी भाषा में मात्राओं (स्वर चिह्नों) का उपयोग करके अभ्यास किया, जिससे उनके पढ़ने और लिखने के कौशल में वृद्धि हुई। इस आकर्षक दिन ने छात्रों के बीच सांस्कृतिक जागरूकता, भाषा सीखने और कला अन्वेषण को बढ़ावा दिया। वहीं बीते बुधवार कैंप के तीसरे दिन बच्चों ने पारंपरिक डोगरी नृत्य के चरणों को सीखा और उनका प्रदर्शन किया। इसी प्रकार भाषा की साहित्यिक समृद्धि की खोज करते हुए डोगरी कविताओं का पाठ किया और सीखा। इंडियन पब्लिक स्कूल किड्जी कठुआ के प्रबंधन ने बताया कि समर कैंप का उद्देश्य छात्रों के बीच डोगरी भाषाओं और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देना है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के भारत की भाषाई विविधता को संरक्षित करने और भाषा शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के अनुरूप है। उन्होंने बताया कि यह आकर्षक दृष्टिकोण बच्चों को डोगरी भाषा और संस्कृति के प्रति गहरी समझ विकसित करने में मदद कर सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया