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नैनीताल, 12 जून (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नवाचारी कदम उठाते हुए अपने विभिन्न परिसरों में सौर ऊर्जा उत्पादन की महत्त्वाकांक्षी परियोजना को मूर्त रूप दिया है।
विश्वविद्यालय ने उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) के सहयोग से अपने प्रशासनिक व विभागीय भवनों की छतों पर रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की है, जिनकी कुल क्षमता लगभग 788 किलोवाट है।
इस परियोजना के अंतर्गत प्रशासनिक भवन में 150 किलोवाट, हरमिटेज भवन में 152 किलोवाट, डीएसबी परिसर में 393 किलोवाट, भूविज्ञान विभाग में 40 किलोवाट, नैनो साइंस विभाग में 25 किलोवाट तथा रसायन विभाग में 20 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्र स्थापित किए गये हैं। अनुमानतः एक सामान्य सौर यूनिट 500 वॉट तक विद्युत उत्पन्न करती है, जिसके अनुसार 150 किलोवाट के संयंत्र के लिए लगभग 300 सौर पैनलों की आवश्यकता होती है। बताया गया है कि इस परियोजना से उत्पादित सौर ऊर्जा को ग्रिड के माध्यम से विद्युत विभाग को भेजा जा रहा है।
इसके बदले विभागीय खपत के अनुपात में विश्वविद्यालय को विद्युत शुल्क में छूट प्राप्त हो रही है। यह न केवल आर्थिक दृष्टि से लाभकारी सिद्ध हो रही है, बल्कि दीर्घकालिक ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक निर्णायक पहल है।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी