Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
पौड़ी गढ़वाल, 12 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री घोषणा के क्रम में देवलगढ़ स्थित प्राचीन मंदिर के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार कार्यों को गति देने के लिए जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि देवलगढ़ मंदिर का पुराना स्वरूप यथावत रखते हुए कार्य किए जाने चाहिए।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि मंदिर क्षेत्र के विकास के लिए एक समिति गठित करें, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, संस्कृति विभाग व अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में स्थानीय हितधारकों से सुझाव प्राप्त करने के लिए एक सलाहकारी संस्था भी गठित की जाए।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि अवसंरचनात्मक डिज़ाइन में कोई कमी न रहे और इस परियोजना से कोई समझौता न किया जाए। इसके लिए किसी प्रतिष्ठित संस्था को कार्य में संलग्न किया जाय। उन्होंने कहा कि पूर्व में बनी डीपीआर की तकनीकी समीक्षा करते हुये विशेषज्ञ तकनीकी संस्था के समन्वय से पुनः डीपीआर तैयार की जाए, ताकि मंदिर के प्राचीन स्वरूप को यथावत रखते हुए विकास हो सके।
उन्होंने कहा कि कुछ अलग कार्यों को शामिल किया जाना है तो उन्हें भी डीपीआर में शामिल करें। साथ ही उन्होंने मंदिर परिसर में भूगर्भीय सर्वेक्षण कराए जाने के निर्देश भी दिए, जिससे संरचना की स्थिरता एवं विकास की संभावनाओं का वैज्ञानिक आंकलन किया जा सके।
बैठक में उप जिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा, अधिशासी अभियंता एनएच राजीव सिंह, संस्कृति विभाग से प्रेमचंद ध्यानी, देवलगढ़ के पुजारी कुंजिका प्रसाद उनियाल आदि शामिल रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / कर्ण सिंह