गुरुग्राम: विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर डीएलएसए ने सात बच्चों का किया रेस्क्यू
गुरुग्राम में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर बच्चों का रेस्क्यू किए जाने के बाद परिजनों को जागरुक करते बाल कल्याण समिति के सदस्य।


-कई इलाकों में जागरुकता कैंप और हितधारकों की परामर्श बैठक

गुरुग्राम, 12 जून (हि.स.)। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर गुरुवार को जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण गुरुग्राम द्वारा विशेष अभियान चलाया गया। यह अभियान न्यायमूर्ति लीसा गिल, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, तथा चंद्र शेखर, जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के दिशा-निर्देशानुसार संचालित किया गया। इस अवसर पर सचिव रजत वर्मा के मार्गदर्शन में श्रम विभाग और शक्ति वाहिनी के सहयोग से जस्टिस टॉवर निर्माण स्थल सहित विभिन्न स्थानों पर जागरुकता शिविर लगाए गए। कार्यक्रम में श्रमिकों को संबोधित करते हुए रजत वर्मा ने कहा कि बाल श्रम रोकने और बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में जोडऩे के लिए समाज के हर व्यक्ति की भागीदारी आवश्यक है। बाल श्रम उन्मूलन के लिए एक विशेष हितधारक परामर्श बैठक सहयोगात्मक संवाद का आयोजन न्यू जर्नी हॉस्पिटैलिटी डीएलएफ में किया गया। बैठक में प्रमुख अधिकारियों व सामाजिक संगठनों ने भाग लिया। इसमें थाना प्रभारी एसआई राजेश कुमार, प्रोग्राम ऑफिसर सिमरन शर्मा, नोडल अधिकारी पवन कुमार और श्रम निरीक्षक राम गोपाल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

इस अभियान के तहत विशेष टीम द्वारा सात बाल श्रमिक बच्चों को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसके अतिरिक्त पैनल अधिवक्ताओं द्वारा लेबर चौक, भूतेश्वर मंदिर, पालम विहार तथा राजीव कॉलोनी की झुग्गी बस्तियों में भी कैंप लगाकर आमजन को बाल श्रम के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। वक्ताओं ने बताया कि बाल श्रम बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर विपरीत प्रभाव डालता है। यह समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को सुरक्षित और उज्जवल भविष्य प्रदान करें।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर