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नई दिल्ली/स्टॉकहोम, 12 जून (हि.स.)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्टॉकहोम की अपनी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के पहले दिन स्वीडिश सरकार के वरिष्ठ सदस्यों और उद्योग जगत के नेताओं के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं। इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को और गहरा करना, व्यापार और निवेश प्रवाह को बढ़ाना और उभरते क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते तलाशना था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को जारी बयान में बताया कि केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने स्टॉकहोम की अपनी दो-दिवसीय आधिकारिक यात्रा के पहले दिन स्वीडिश सरकार के वरिष्ठ सदस्यों और प्रसिद्ध उद्योगपतियों के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं। इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करना, व्यापार और निवेश प्रवाह को बढ़ाना और उभरते क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते तलाशना था।
इस दौरान पीयूष गोयल ने अंतरराष्ट्रीय विकास सहयोग और विदेश व्यापार मंत्री बेंजामिन डौसा और विदेश व्यापार सचिव हाकन जेवरेल से मुलाकात की। चर्चा में भारत-स्वीडन व्यापार और निवेश साझेदारी के दायरे को बढ़ाने, सतत औद्योगिक सहयोग को सुविधाजनक बनाने और प्रौद्योगिकी और नवाचार-संचालित विकास के लिए प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। गोयल ने भारत-स्वीडन प्रमुख व्यापारिक गोलमेज (बिजनेस लीडर्स राउंडटेबल) को भी संबोधित किया, जहां उन्होंने स्वीडिश उद्योग के प्रमुख सदस्यों के साथ बातचीत की।
यात्रा के दौरान आर्थिक, औद्योगिक और वैज्ञानिक सहयोग के लिए भारत-स्वीडन संयुक्त आयोग का 21वां सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र की सह-अध्यक्षता विदेश व्यापार के सचिव हाकन जेवरेल, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के संयुक्त सचिव संजीव और वाणिज्य विभाग के संयुक्त सचिव साकेत कुमार ने की। गोलमेज सम्मेलन ने स्वच्छ ऊर्जा, स्मार्ट विनिर्माण, गतिशीलता, जीवन विज्ञान और डिजिटल प्रौद्योगिकियों में निजी क्षेत्र के सहयोग को मजबूत करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।
मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि पीयूष गोयल ने वैश्विक विनिर्माण और नवाचार केंद्र बनने के भारत के दृष्टिकोण को दोहराया और हरित प्रौद्योगिकियों, नवाचार-आधारित विकास और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्वीडन के साथ निरंतर साझेदारी का आह्वान किया। स्टॉकहोम में हुई बैठकें भारत-स्वीडन रणनीतिक साझेदारी में जारी गति को प्रतिबिंबित करती हैं तथा प्रभावी तरीके से भविष्योन्मुख पहलों पर सहयोग करने की साझा महत्वाकांक्षा की पुष्टि करती हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर