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मुंबई, 12 जून (हि.स.)। मुंबई के बोरीवली स्थित गोराई गांव में 8 हेक्टेयर में फैले गोराई मैंग्रोव संरक्षण केंद्र व पार्क का काम अंतिम पड़ा में है। लगभग 33.43 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना अगले महीने जुलाई में पर्यटकों के लिए खोली जाएगी।
उत्तर मुंबई में स्थित गोराई मैंग्रोव पार्क अपने आप में पहला मुंबई का मैंग्रोव पार्क होगा, जिससे न केवल पर्यटन बल्कि समुद्री जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी और प्रकृति संरक्षण जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा। मुंबई का 50 किलोमीटर से ज़्यादा क्षेत्र मैंग्रोव से घिरा हुआ है। मैंग्रोव व जलीय जीवन के संरक्षण और उसके महत्व के बारे में लोगों को समझाने में यह पार्क महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। महाराष्ट्र सरकार इस पार्क को 8 हेक्टेयर यानी 19.76 एकड़ में विकसित कर रही है। इस पार्क में एक प्रकृति व्याख्या केंद्र (एनआईसी), एक मैंग्रोव ट्रेल, पक्षी वेधशाला और कयाक ट्रेल आदि शामिल हैं।
मैंग्रोव ट्रेल में 800 मीटर लंबा पैदल मार्ग शामिल है, जो पर्यटकों को मैंग्रोव वन में ले जाएगा। इस पार्क को मई महीने में खोले जाने की संभवना थी, जिस बढ़ाकर जून महीने कर दिया गया था. अब बताया जा रहा है कि इसके फिनिशिंग का काम शेष रह गया है. महाराष्ट्र वन विभाग के अनुसार परियोजना पर काम तेजी से आगे बढ़ रहा है और अंतिम रूप दिया जा रहा है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चलता रहा तो इस महीने पूरा हो जाएगा। इसके बाद जुलाई महीने में पार्क को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
प्रकृति प्रेमियों को इस पार्क के खुलने का बेसब्री से इंतजार है। गोराई क्रीक में बने वॉचटावर से पार्क के मनमोहक दृश्य को देखा जा सकता है। मैंग्रोव वन से होकर गुजरने वाले 740 मीटर लंबे बोर्डवॉक पर चलने का अलग ही आनंद होगा। महाराष्ट्र वन विभाग के मैंग्रोव फाउंडेशन की ओर से अनोखे इको-टूरिज्म को विकसित किया जा रहा है। घने मैंग्रोव के बीच से घुमावदार 740 मीटर लंबे बोर्ड वॉक को एक भी पेड़ काटे बिना डिज़ाइन किया गया है। इस परियोजना के केंद्र में प्रकृति संरक्षण और व्याख्या केंद्र है, जो एक डंपिंग ग्राउंड से सटा हुआ है। यह 1,517 वर्ग मीटर का परिसर है। इस परियोजना के पहले जनवरी 2023 तक पूरे होने की संभावना थी. लेकिन विभिन्न कारणों से देरी होती रही।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार