मूंग खरीदी नहीं से किसान आक्रोशित, मुख्यमंत्री बोले- संवाद से हल करेंगे सभी मामले
किसान संघ की पत्रकार वार्ता


भोपाल, 12 जून (हि.स.)। मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग खरीद नहीं होने से किसानों में आक्रोश है। राज्‍य सरकार ने हानिकार‍क रसायन के इस्‍तेमाल का हवाला देते हुए मूंग की खरीदी करने से इनकार कर दिया था। इसीलिए भारतीय किसान संघ ने राज्य सरकार को शनिवार तक का समय दिया है। उनकी चेतावनी है कि यदि मूंग खरीद की तारीख घोषित नहीं की तो मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार सदैव किसान हितैषी निर्णय लिए जाने के लिए जानी जाती है। ऐसे में मूंग खरीदी को लेकर कोई विषय आया है और इस सिलसिले में कृषि मंत्री से बात कर रहे हैं और किसान संघ से भी बात करेंगे। हमारी सरकार संवेदनशील सरकार है और सभी मामले संवाद के माध्यम से हल करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार देर शाम जारी अपने संदेश में यह बात कही।

इससे पहले गुरुवार को भारतीय किसान संघ प्रदेशाध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने पत्रकार वार्ता में कहा कि कुछ दिन पहले प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से चर्चा की थी। जिसमें मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि इस बार मूंग की खरीद नहीं करेंगे। जिसके बाद केंद्र के प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की तो उनका कहना है कि राज्य से प्रस्ताव आता है तो हम खरीदने के लिए तैयार हैं।

आंजना ने कहा कि इस बार प्रदेश के 18 जिलों के 15 लाख हेक्टेयर में मूंग की खेती की गई है। केंद्र से 128 रुपये समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है, लेकिन इसका लाभ एमपी में नहीं मिल रहा है। प्रदेश का किसान राज्य और केंद्र के बीच पीस रहा है। हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव करेंगे।

भारतीय किसान संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने कहा कि साल 2025-26 का मूंग का समर्थन मूल्य 8768 और उड़द का समर्थन मूल्य 7800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया, लेकिन मंडी में मूंग 6200 और उड़द 6000 रुपये बेचने को मजबूर है। किसानों को प्रति क्विंटल दो हजार रुपये का नुकसान हो रहा है।

भारतीय किसान संघ के मध्य प्रांत प्रचार प्रमुख राहुल धूत ने कहा कि जिस पैराक्वेट डाइक्लोराइड कीटनाशक को सरकार जहर बता रही है। यह कीटनाशक खरपतवार नाशक है। यह गर्माहट लाकर मूंग को पकने में मदद करता है। जिससे कैंसर, हार्ट फेलियर जैसी जानलेवा बीमारियां होती हैं। यह उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान में प्रतिबंधित है। एमपी में भी होना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर