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कोंडागांव, 12 जून (हि.स.)। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया अब अपने सकारात्मक परिणाम देने लगी है, अब कोंडागांव जिले में कोई भी विद्यालय न तो शिक्षकविहीन है और न ही एकल शिक्षकीय बचा है।
कोंडागांव जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान द्वारा गुरुवार काेा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि मुख्यमंत्री की पहल पर चलाए जा रहे इस अभियान के अंतर्गत कोंडागांव जिले के 10 ऐसे प्राथमिक विद्यालयों जिसमें कोंडागांव जिले के माकड़ी विकासखंड के करमरी, डोंगरीपारा क्षमतापुर, नेवरा और बड़ेराजपुर के रावसवाही, कोरमेल, बाखरा, ज्ञान ज्योति नयापारा छोटेबंजोड़ा, एहरा और खुटडोबरा जैसे प्राथमिक स्कूल वर्षों से शिक्षक के बिना चल रहे थे। अब इन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति से बच्चों को नियमित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। इसके अतिरिक्त, जिले के 244 एकल शिक्षकीय प्राथमिक विद्यालयों, दो मिडिल स्कूल, दो हाईस्कूल और एक हायर सेकेंडरी स्कूल में भी शिक्षकों की पर्याप्त नियुक्ति की गई है।
जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित एकल शिक्षकीय विद्यालयों में भी युक्तियुक्तकरण के तहत नई नियुक्तियां की गई हैं। फरसगांव के उच्च प्राथमिक शाला भैंसाबोड़ और माध्यमिक शाला बाजारपारा, कोण्डागांव के हाई स्कूल डोंगरीगुड़ा और नवागांव, माकड़ी विकासखंड के हाई स्कूल एरला सहित जिले के अन्य 244 प्राथमिक विद्यालयों में भी अब पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध हैं। इस व्यापक बदलाव से जिले की शिक्षा व्यवस्था को एक नया आधार मिला है। यह पहल विद्यार्थियों के शैक्षणिक भविष्य को मजबूत बनाएगी और जिले की शिक्षा गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार लाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे