2023 में देश की 13 लाख महिलाएं हुईं गुम, बड़ा वर्ग लव जिहाद का शिकार : मिलिंद परांडे
पत्रकारों से वार्ता करते मिलिंद परांदे


कहा-हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने का देशव्यापी जनजागरण अभियान आरंभ

झांसी, 12 जून (हि.स.)। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केन्द्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि 2023 में देश की 13 लाख महिलाएं लापता हुईं। इनमें से एक बड़ा वर्ग लव जिहाद का शिकार हुआ है। केरल की हजारों लड़कियां लव जिहाद का शिकार हुई। उन्होंने यहां सर्किट हाउस में आहूत संवाददाता सम्मेलन में इस पर गंभीर चिंता जताई।

विहिप नेता परांडे ने कहा कि भारतवर्ष में हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के उद्देश्य से विहिप ने देशव्यापी जनजागरण अभियान आरंभ किया है। इस ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में विशाल सभा एवं संत-समागम के माध्यम से हुई। इसमें देशभर के संत-महात्मा, धर्माचार्य, मंदिर ट्रस्टी, वैदिक विद्वान और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

उन्होंने कहा कि मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं, अपितु हिन्दू समाज की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक चेतना के केंद्र हैं। मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण धार्मिक स्वतंत्रता, न्याय और समानता के सिद्धांतों के विरुद्ध है। विहिप नेता ने कहा कि जब चर्च और मस्जिद पर राज्य का नियंत्रण नहीं है, तो केवल हिन्दू मंदिरों के साथ भेदभाव क्यों? यह अभियान केवल एक संगठन का नहीं, अपितु सम्पूर्ण हिन्दू समाज की चेतना का प्रतीक है।

परांडे ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद देश के सभी धर्मप्रेमी नागरिकों का आह्वान करती है कि वे इस अभियान से जुड़ें और अपने मंदिरों को पुनः स्वाधीन करने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएं। मथुरा के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम दोनों पक्षों से वार्ता करने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत की हिन्दू जनसंख्या की संरचना में हो रहा धार्मिक असंतुलन अब राष्ट्र की सांस्कृतिक, सामाजिक और सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक गहरी चिंता का विषय बन गया है।

उन्होंने कहा कि इस असंतुलन के पीछे कई योजनाबद्ध कारण कार्य कर रहे हैं, जिनमें विशेष रूप से धार्मिक मतांतरण, लव जिहाद, बांग्लादेश और म्यांमार से हो रही मुस्लिम घुसपैठ, और हिन्दू समाज में घटती जन्मदर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सुनियोजित रूप से आर्थिक प्रलोभन, छल कपट या दबाव के माध्यम से मिशनरियों के धर्मांतरण ने कई क्षेत्रों में स्थानीय हिन्दू जनसंख्या को कम किया है।

विहिप नेता परांडे ने कहा कि एक सुनियोजित रणनीति के तहत मुस्लिमों के एक वर्ग द्वारा हिन्दू युवतियों को फंसाकर उनका मतांतरण कराया जा रहा है, जो केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सांस्कृतिक हमला है। सीमावर्ती राज्यों जैसे असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और अब दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठियों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा और आर्थिक दृष्टिकोण से जागरूक हिन्दू समाज में परिवार सीमित रखने की प्रवृत्ति है, परंतु बाकी वर्गों में इस पर कोई नियंत्रण नहीं है, जिससे असंतुलन और तेज होता जा रहा है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रिपोर्ट ने भारत में जनसंख्या वितरण की गहराई से समीक्षा प्रस्तुत की है। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ वर्गों में जन्मदर जहां स्थिर या बढ़ती हुई है, वहीं हिन्दू समाज में यह दर घट रही है। भारत के स्थायित्व, संस्कृति और एकता की रक्षा की आवश्यकता है। सभी राष्ट्रप्रेमी नागरिकों, संतों, सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों से अपील है कि वे इन विषयों पर जनजागरण में सहभागी बनें।

ये रहे उपस्थितः पत्रकार वार्ता में विहिप क्षेत्र संगठन मंत्री गजेन्द्र, विहिप प्रान्त उपाध्यक्ष विनोद अग्रवाल, विहिप प्रान्त मंत्री राजू पोरवाल जी, प्रान्त प्रचार प्रसार प्रमुख ओमेन्द्र अवस्थी भी उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया