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मालदह, 11 जून (हि. स.)। मालदह शहर में जिला प्रशासन की ओर से चार दिवसीय आम मेले का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सैकड़ों किस्म के आम के फलों की झलक देखने को मिलेगी। यह चार दिवसीय आम मेला 19 से 22 जून तक मालदह कॉलेज मैदान में लगेगा।
जिला मजिस्ट्रेट नितिन सिंघानिया ने बताया कि मालदह जिला प्रशासन हर साल की तरह इस बार भी आम मेले का आयोजन कर रहा है। यह मेला 19-22 जून को मालदह कॉलेज मैदान में लगेगा। इस मेले में मालदा के अलावा पड़ोसी मुर्शिदाबाद, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर के आम किसान भी अपने बागानों में उत्पादित आम लेकर आएंगे। नदिया, उत्तर 24 परगना, हुगली, बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों के किसान भी मौजूद रहेंगे। मेले में आने वाले लोग सौ से अधिक किस्म के आम देख सकेंगे। वे इन्हें खरीद भी सकेंगे। विक्रेताओं के लिए कई स्टॉल होंगे। आम के साथ-साथ आम का अचार, आम का सत्तू, आम की मिठाई, आम का दही और आम की पाई जैसे खाद्य पदार्थ भी बेचे जाएंगे। मेला प्रतिदिन दोपहर एक बजे से रात 10 बजे तक खुला रहेगा। मेले में प्रवेश के लिए टिकट खरीदने की जरूरत नहीं है। उम्मीद है कि इस साल का आम मेला भी अन्य वर्षों की तरह लोगों का दिल जीत लेगा।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस समय बाजार में प्रचलित लंगड़ा, हिमसागर, लक्ष्मणभोग, आम्रपाली, मल्लिका जैसी आम की किस्मों के अलावा मेले में छोटे आम की कई किस्में भी मौजूद रहेंगी। इनमें आशुदागी, बतासी, दूधिया, फुनिया जैसी लगभग विलुप्त हो चुकी आम की किस्में भी शामिल होंगी।
एक समय मालदह जिले में आम की 361 किस्में पैदा होती थीं, लेकिन अब 243 किस्में पैदा होती हैं। इनमें से कई किस्में लगभग विलुप्त हो चुकी हैं। एक, दो या तीन पेड़ किसी तरह बचे हुए हैं। एक समय ऐसी लुप्तप्राय किस्मों की खेती करीब एक हजार 200 हेक्टेयर भूमि पर होती थी। अब इन आमों की खेती सिर्फ 400 हेक्टेयर भूमि पर होती है। जिला प्रशासन ने इस साल आम मेले में इन लुप्तप्राय आम की किस्मों को लोगों के सामने प्रदर्शित करने का निर्णय लिया है। बताया जाता है कि मेले में मौजूद लोगों को इन किस्मों को बचाने के तरीकों के बारे में भी बताया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय