Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
खूंटी, 11 जून (हि.स.)। झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा(जेटेट) की नियमावली में क्षेत्रीय भाषाओं कीं खूंटी जिले की सूची में मुंडारी को हटाये जाने को लेकर उठे विवाद में तोरपा के विधायक सुदीप गुड़िया की पहल रंग लाई।
मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब नियमावली में खूंटी जिले की सूची में मुंडारी भाषा को फिर से शामिल किया जाएगा। विधायक ने इसको लेकर शिक्षा सचिव और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर मुंडारी को शाामिल करने का आग्रह किया था। विधायक सुदीप गुड़िया ने बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची स्थित उनके आवास पर मुलाकात कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया। विधायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि खूंटी जिला मुख्यतः मुंडा जनजाति बहुल क्षेत्र है और यहां की बड़ी आबादी की मातृभाषा मुंडारी है। उन्होंने कहा कि यह जिला भगवान बिरसा मुंडा, गया मुंडा, जयपाल सिंह मुंडा जैसे शहीदों और महापुरुषों की धरती है, ऐसे में मुंडारी भाषा को सूची से हटाना जनजातीय पहचान और सांस्कृतिक विरासत के प्रति असंवेदनशील निर्णय है।
विधायक की अपील पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने शिक्षा सचिव को फोन पर निर्देश दिया कि झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली-2025 में संशोधन करते हुए मुंडारी भाषा को खूंटी जिले की क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में फिर से शामिल किया जाए। विधायक सुदीप गुड़िया ने यह भी बताया कि मुंडारी को शामिले करने की मांग पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही एकमत हैं और क्षेत्रीय जनभावनाओं का व्यापक समर्थन भी इसे प्राप्त है।
मुख्यमंत्री ने मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए स्थायी समाधान का भरोसा दिया, जिससे न सिर्फ युवाओं के अधिकारों की रक्षा होगी, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक अस्मिता को भी सम्मान मिलेगा। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह निर्णय मुंडा जनजाति का सम्मान है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा