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नैनीताल, 11 जून (हि.स.)। हाईकोर्ट ने उत्तरकाशी डिग्री कॉलेज में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर दंपती को पिथौरागढ़ डिग्री कॉलेज में संबद्ध करने और उनके खिलाफ जांच शुरू करने के मामले में विभागीय अनुसचिव, प्राचार्य और जांच अधिकारी को 19 जून को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अधिकारियों से पूछा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। कोर्ट ने इससे पूर्व दंपती के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए जांच अधिकारी को याचिकाकर्ताओं की शिकायत पर की गई कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि अब तक दंपती की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस पर अदालत ने गहरी नाराजगी व्यक्त की।मामले के अनुसार, उत्तरकाशी डिग्री कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर रमेश सिंह व उनकी पत्नी डा. विनीता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उच्च शिक्षा विभाग ने भीमराव आंबेडकर जयंती के मौके पर 14 अप्रैल को कालेज खोलने व जयंती मनाने के निर्देश दिए थे लेकिन कॉलेज के प्राचार्य ने 14 अप्रैल के बजाय 12 अप्रैल को आंबेडकर जयंती मनाने का आदेश दिया था जिसका उन्होंने विरोध किया था। इससे नाराज होकर प्राचार्य ने दो साल पुराने झूठे यौन शोषण के आरोप में याचिकाकर्ता डा. रमेश सिंह को दीर्घ अवकाश पर भेज दिया। जबकि यौन शोषण की न तो कहीं शिकायत है और न ही कोई एफआईआर दर्ज है। याचिकाकर्ता डा. रमेश सिंह ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद कोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी थी, लेकिन 16 अप्रैल को उच्च शिक्षा विभाग के अनुसचिव ने एक आदेश जारी कर डा. रमेश सिंह व डा. विनीता को 300 किमी दूर पिथौरागढ़ कालेज में संबंद्ध कर दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / लता